पता- यह जतमई मंदिर से लगभग 25 की दूरी पर स्थित है मां घटारानी देवी का मंदिर ।
प्रवेश द्वार – मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने ही दो हाथी आपका स्वागत करता हुआ दिखाई देता।
गर्भ गृह – मां घटारानी के दर्शन करने के पहले आपको शेर के मुंह के भीतर से प्रवेश कर मंदिर के गर्भगृह में पत्थरों के एक छोटे से खोल में विराजमान हैं मां घटारानी देवी।और उनके पास में निरंतर ज्योति कलश जलती रहती है।
अन्य मूर्ति – मंदिर परिसर में हनुमान, कृष्ण, शिवलिंग, महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती तीन देवी की प्रतिमा विराजमान हैं।
मां कंकाली की मूर्ति – मंदिर परिसर में ही मां कंकाली देवी की सुन्दर प्रतिमा भी स्थापित किया है।
पिकनिक स्पॉट – मां घटारानी का मंदिर एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट है लोग यहां दूर – दूर इस जगह का आनंद लेने के लिए आते है।
प्राकृतिक सौंदर्य – प्राकृतिक रूप से घटारानी स्थल काफी मनमोहक एवं चारों ओर फैली हरियाली और उंचे पहाड़ों के बीच झरनों की कल – कल ध्वनि मन को सुकून का अनुभव करता है।
मां शारदा की प्रतिमा – घटारानी के मंदिर प्रांगण से कुछ दूरी पर मां मैहर वाली मां शारदा का भी मंदिर है। माता का स्वरूप है वह
मैहर की मां शारदा के जैसा ही दिखाई देता है।
मंदिर तक पहुंचता है यह जलप्रपात – छत्तीसगढ़ के जतमई और घटारानी दो मंदिर ऎसे हैं जहां जलप्रपात माता के चरण छूने के लिए मंदिर तक आते हैं।
वनदेवी – यहां के स्थानीय लोग माता जी को वन देवी के नाम से भी जाना जाता हैं।
नवरात्रि पर्व में – घटारानी मंदिर में नवरात्रि के पावन पर्व में भक्तो की भारी भीड़ मां घटारानी के दर्शन करने के लिए आते है।
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🙏 जय जोहार जय छत्तीसगढ़ 🙏