डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर विराजमान है माँ बम्लेश्वरी, डोंगरगढ़(छ.ग) Maa-bamleshwari-temple-in-dogargarh

                         माँ बम्लेश्वरी डोंगरगढ़

 डोंगरगढ़  की पहाड़ी पर  विराजमान है  माँ बम्लेश्वरी, डोंगरगढ़(छ.ग) Maa-bamleshwari-temple-in-dogargarh
किलोमीटर –   यह दुर्ग से 66 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है माँ बम्लेश्वरी का दिव्य एवम् भव्य मंदिर ।
प्रवेश द्वार – डोगरगढ़ में पहुंचने पर एक सुंदर प्रवेश द्वार आपका स्वागत करता है।
 डोंगरगढ़  की पहाड़ी पर  विराजमान है  माँ बम्लेश्वरी, डोंगरगढ़(छ.ग) Maa-bamleshwari-temple-in-dogargarh
स्थान- छत्तीसगढ़ के राज्य के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित है माँ बम्लेश्वरी का प्रशिद्ध है मंदिर ।

गर्भगृह- मंदिर के गर्भगृह के अंदर विराजमान हैं मां बम्लेश्वरी की सुंदर प्रतिमा है। जिसके दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
 डोंगरगढ़  की पहाड़ी पर  विराजमान है  माँ बम्लेश्वरी, डोंगरगढ़(छ.ग) Maa-bamleshwari-temple-in-dogargarh
डोंगरगढ़ को पुराना नाम –  पहाड़ो व जंगलो में बसे होने के कारण इस जगह को डोंगरी कहा जाता था । अब इस डोंगरी को डोगरगढ़ के नाम से जाना जाता है।
धार्मिक पर्यटन का केंद्र –छत्तीसगढ़ में धार्मिक  पर्यटन का केंद्र डोंगरगढ़ है।
उँची चोटी में विराजमान-   डोंगरगढ़ की ऊँची चोटी और जंगलो व पहाड़ों के बीच में बसा है माँ बम्लेश्वरी का मंदिर
 डोंगरगढ़  की पहाड़ी पर  विराजमान है  माँ बम्लेश्वरी, डोंगरगढ़(छ.ग) Maa-bamleshwari-temple-in-dogargarh
माँ बम्लेश्वरी की बहन- माँ बम्लेश्वरी की बहन को छोटी बमलई के नाम से जाना जाता है।

कुल सीढ़ियां  – डोंगरगढ़ के  माँ बम्लेश्वरी के मंदिर  में  जाने के लिए  कुल 1100 सीढ़िया है।
मंदिर का निर्माण- बम्लेश्वरी मंदिर का निर्माण कराने का श्रेय राजा वीरसेन को जाता है। मंदिर पहाड़ी के शिखर पर गोलाकार रूप में सफेद संगमरमर से निर्मित है जिसका दरवाजा चांदी से बना है।
स्वर्ण से निर्मित सिंहासन – मां बम्लेश्वरी का सिंहासन स्वर्ण से निर्मित कमल के आकार का है।
छत्तीसगढ़ी भाषा मे – मां बम्लेश्वरी को भक्तजन बम्लाई दाई के नाम से पुकारते हैं।

रोपवे की व्यवस्था- यात्रियों के सुविधा के लिए रोपने की व्यवस्था की गयी है जिससे वृद्ध व्यक्तियों को माँ बम्लेश्वरी के दर्शन करने में परेशानी न हो।
नवरात्रि पर्व पर- माँ बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए नवरात्रि में भक्तो की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।

1600 फिट की ऊँचाई में विराजमान- माँ बम्लेश्वरी का मंदिर  1600 फिट की ऊंचाई पर बसा है।
दो मंदिर – डोंगरगढ़ में माँ बम्लेश्वरी का दो मंदिर है एक मंदिर पहाड़ के नीचे विराजमान है तो दूसरा मंदिर पहाड़ो के ऊपर विराजमान है।
ट्रेन की व्यवस्था – ट्रेन से आप कम समय में डोंगरगढ़ पंहुचा सकते है।माँ बम्लेश्वरी के दर्शन कर सकते है।
         माँ बम्लेश्वरी माता आपकी मनोकामना को पूर्ण करे
                          ।। जय माता दी।।

हमने यूट्यूब में माँ बम्लेश्वरी माता का वीडियो बनाया है ।इसे जरूर देखे और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर दे ।  

                     
कोरोना काल में डोगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर का माहौल का वीडियो जरूर देखे-

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