तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

                       महामाया मंदिर, बस्ती, रायपुर

तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

स्थान – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मे पुरानी बस्ती के पास स्थित है मां महामाया देवी का मंदिर।

प्राचीन मंदिर- माना जाता है कि  महामाया मंदिर 1400 साल पुराना है।

गर्भ गृह में – मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हैं मां महामाया देवी।

तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

मंदिर की परंपरा- महामाया मंदिर की  परंपरा है कि यहां की प्रधान ज्योत वैदिक मंत्रोत्चार के बीच चकमक पत्थर के टूकड़ों को रगडऩे से उठी चिंगारी से प्रज्जवलित की जाती है।

मनोकामना ज्योति – मां महामाया मंदिर में चैत व कुंवार में
मनोकामना ज्योति प्रच्चवलित की जाती है।

नवरात्रि पर्व में – रायपुर के प्रसिद्ध मां महामाया मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ माता रानी के दर्शन के लिए उमड़ पड़ती है।

भैरव स्वरूप दो मंदिर – देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां दो भगवान भैरव स्वरूप दो मंदिर हैं।

मंदिर का निर्माण – हैहयवंशी के राजा मोरध्वज ने 18 वी शताब्दी में मां महामाया मंदिर का निर्माण करवाया था।

तांत्रिक विधि से – मां महामाया मंदिर हैहयवंशी के राजा मोरध्वज ने खास तांत्रिक विधि से इस मंदिर को बनवाया था।

तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

कुलदेवी- हैहयवंशी वंश के राजाओं की माता महामाया देवी इनकी कुलदेवी है।

गुंबज की आकृति- मां के मंदिर के गर्भगृह की निर्माण शैली तांत्रिक विधि की है। मां के मंदिर के गुंबज श्री यंत्र की आकृति का बनाया गया है।

अर्धनारीश्वर- मां महामाया देवी अर्धनारीश्वर स्वरूप में विराजमान हैं देवी।

तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

महाकाली के स्वरुप में – मां महामाया देवी, मां महाकाली के स्वरुप में यहां विराजमान हैं।

बटुक भैरव – मंदिर के प्रांगण में बटुक भैरव की मूर्ति स्थापित किया गया है।

तांत्रिक विधि से बनाया गया यह मां महामाया मंदिर,पुरानी बस्ती,रायपुर(छ.ग)

मां प्रतिमा दरवाजे की सीध में नहीं- गर्भगृह में मां महामाया मंदिर में मां की प्रतिमा दरवाजे की सीध में नहीं दिखती है।

सम्लेश्वरी देवी का मंदिर-माता मंदिर बाहरी हिस्से में सम्लेश्वरी देवी का भी मंदिर है।

आश्चर्य जनक यह मंदिर-  सूर्योदय के समय किरणें सम्लेश्वरी माता के गर्भगृह तक पहुंचती हैं। सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणें मां महामाया के गर्भगृह में उनके चरणों को स्पर्श करती हैं। मंदिर की डिजाइन से यह अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है कि प्रतिमा तक सूर्य की किरणें पहुंचती कैसे होंगी।

हमने यूट्यूब में  मां महामाया मंदिर का विडियो बनाया गया है जिसे देखे और चैनल  को सब्सक्राइब जरूर करे।
           Youtube channel – Hitesh kumar hk

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