ध्यान की मुद्रा में विराजमान स्वामी विवेकानंद, बूढ़ा तालाब, रायपुर(छ.ग)
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पता – यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में स्थित स्वामी विवेकानंद की ऊंची प्रतिमा बनी है।
37 फिट ऊंची प्रतिमा – बूढ़ा तालाब के बीचों बीच स्वामी विवेकानंद की 37 फिट ऊंची प्रतिमा ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं।
सुंदर प्रतिमा – यह बूढ़ा तालाब के बीचों बीच ध्यान मुद्रा में विराजमान स्वामी विवेकानंद की सुंदर प्रतिमा है।
बूढ़ा तालाब का निर्माण – 600 वर्ष पहले कल्चुरी वंश के राजा रायसेन के द्वारा इस तालाब का निर्माण करवाया गया था ।इस तालाब का नाम अपने ईष्ट देव बूढ़ा देव के नाम पर रखा गया था ।
प्रतिमा का अनावरण – श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के करकमलों द्वारा इस प्रतिमा का अनावरण हुआ था।
तालाब का नाम – इस तालाब को बूढ़ा तालाब के नाम से जाना जाता था लेकिन अब यह तालाब को स्वामी विवेकानंद सरोवर के नाम से जाना जाता है।
लिम्काबुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड – तालाब के बीच में स्वामी विवेकानंद जी की ये प्रतिमा, लिम्काबुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
पर्यटन स्थल – यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है जो सैलानियों को यह प्रतिमा अपनी ओर आने के लिए आकर्षित करती हैं।
सुंदर उद्यान – बूढ़ा तालाब के किनारे सुंदर हरे भरे पेड़ लगाएं गए हैं।उद्यान में ही बूढ़ा देव को भी स्थापित किया गया है।इस तालाब के आस पास अनेक मंदिर बने हुए हैं लेकिन जिसमे बूढ़ा देव का मंदिर प्रमुख है।
रात को जगमगा उठता है यह उद्यान –रात को यह उद्यान और भी लाईटिंग और डेकोरेशन से यह स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा और भी चमक उठती हैं।
बोटिंग की सुविधा – बूढ़ा तालाब में दूर दूर से आने वाले पर्यटक यहां बोटिंग सुविधा का आनंद भी लेते हैं।
दो वर्ष इस शहर में – बचपन में स्वामी विवेकानंद दो वर्ष के लिए इस रायपुर शहर में आए थे। इस बूढ़ा तालाब में स्वामी विवेकानंद तालाब के किनारे ध्यान किया करते थे।
अंग्रेज़ के शासन काल में – अंग्रेज़ के शासन काल में यह बूढ़ा तालाब अंग्रेजो के आराम करने का एक सुंदर जगह हुआ करता था।
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