चंद्रहासिनी देवी चंद्रपुर
पता- यह छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाँपा से लगभग 120 किलोमीटर तथा रायगढ़ से लगभग 32 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हैं माँ चंद्रहासिनी देवी का भव्य मंदिर।
महानदी के तट पर स्थित – विशाल महानदी के तट पर चन्द्रपुर नामक नगर में स्थित हैं माँ चंद्रहासिनी देवी का भव्य मंदिर।
विशाल प्रतिमा – चंद्रहासिनी मंदिर के बाहर में विशाल हनुमान जी और अर्धनारीश्वर महादेव की प्रतिमा हैं जो आपको दूर से ही दिखाई देगी ।
नवरात्र पर्व पर- मंदिर में हर वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात्र में भक्तो की भारी भीड़ माता रानी के दर्शन के लिए उमंड पड़ती हैं।और यहाँ विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता हैं।
माँ चंद्रहासिनी की छोटी बहन- चंद्रहासिनी माता के मंदिर से कुछ दूर पर हैं माँ चंद्रहासिनी माता की छोटी बहन माँ नाथल दाई का मंदिर स्थित हैं जो महानदी के संगम स्थल के बीच बसा हैं।
अद्भुत हैं माँ चंद्रहासिनी देवी का स्वरूप – माँ चंद्रहासिनी देवी का स्वरूप चन्द्रमा की आकृति के जैसा मुख होने के कारण माता चंद्रहासिनी देवी को चंद्रसेनी माता के नाम से भी जाना जाता हैं।
माँ के चरण चिन्ह – मंदिर परिसर से कुछ दूर पर हैं माँ चंद्रहासिनी देवी के चरण चिन्ह जो आज भी उस जगह पर मौजूद हैं।
मंदिर का निर्माण- माँ चंद्रहासिनी और माँ नाथल दाई मंदिर का निर्माण राजा चन्द्रहास ने कराया था।
ज्योति कलश तथा बकरे की बलि- नवरात्र में लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए ज्योति कलश जलाते हैं तो कई श्रद्धालु मनोकामना पुरी होने पर बकरे व मुर्गी की भी बलि दी जाती हैं।
पौराणिक व धार्मिक झांकिया- मंदिर परिसर मे आपको महाभारत काल तथा समुद्र मंथन की झांकिया भी दिखाई देती हैं। यहाँ पर द्रोंपती चीर हरण, माँ दुर्गा के नव रूप की प्रतिमा, ऋषि मुनि की भी प्रतिमा हैं जिसमे सभी धर्म के आराध्य देवी देवताओं की प्रतिमा भी स्थापित किया गया हैं।
माँ चंद्रहासिनी देवी आपकी मनोकामना को पूरी करे।
!! जय माता दी !!
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