पता- यह राजधानी रायपुर से 120 किलोमीटर की दुरी पर खरौद शहर में स्थित है। लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर।
गर्भ गृह में विराजमान – लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग हैं । इस शिवलिंग में सवा लाख छिद्रा हैं इस लिए इस शिवलिंग को लक्षलिंग कहा जाता है। माना जाता हैं की इस शिवलिंग का निर्माण लक्ष्मण के द्वारा किया गया था।
दुनिया का अनोखा शिवलिंग – लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर में दुनिया का अनोखा शिवलिंग हैं। इस शिवलिंग के लाखो छिद्र में से एक छिद्र ऐसा भी हैं जो सीधे पाताल तक जाता हैं।
छत्तीसगढ़ का काशी- माना जाता है कि इस स्थान पर मोक्ष की भी प्राप्ति होती है इसलिए इस स्थान को छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है।
धार्मिक तीर्थ स्थल- लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर एक पवित्र धार्मिक तीर्थ स्थल है और इस मंदिर को लखेश्वर शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता हैं।
सावन तथा शिवरात्रि पर्व पर –
इस मंदिर में सावन मास में श्रावणी पर्व मनाया जाता है इसके साथ ही शिवरात्रि के पावन पर्व में भगवान शिव जी की बारात की झाँकी भी निकाला जाता हैं ।
रामायण काल का मंदिर- लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ में स्थित एक प्राचीन मंदिर है माना जाता हैं की यह मंदिर रामायण कालीन समय का बताया जाता है।
छठवी शताब्दी का मंदिर- लक्ष्मणेश्वर महादेव का मंदिर छठवी शताब्दी ईस्वी का मंदिर माना जाता हैं।
मंदिर का निर्माण- लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण बाद में राजा खड्गदेव ने करवाया था।
खरौद नाम कैसे पडा- कहा जाता हैं की रामायण काल में श्री राम ने दो राक्षस खर और दूषण का वध इस जगह पर किया था तभी से इस जगह का नाम खरौद पड़ा।
प्राचीन शिलालेख- सिरपुर के चंद्रवंशी द्वारा बनाये गये इस मंदिर के विकृत शिलालेख में कुटील लिपि में इंद्रबल तथा उसके पुत्र ईशान देव नामक दो शासको का उल्लेख किया गया हैं।यह शिलालेख खण्डित अवस्था में हैं।इसलिए इसका सम्पूर्ण अनुवाद उपलब्ध नहीं हैं।
आकर्षक हैं मंदिर का स्तम्भ – मंदिर के स्तम्भ पर अर्धनारीश्वर शिव के दृश्य तथा राम सुगिव मित्रता, बाली का वध, शिव तांडव , राम चरित्र से सम्बंधित दृश्य हैं।
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