छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ – chattisgadh ki pramukh nadiya

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                    छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ

छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ - chattisgadh ki pramukh nadiya
छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा यहाँ प्रवाहित होने वाली नदियाँ है, जिनके किनारे यहाँ की अधिकांश जनसंख्या निवास करती है। अपवाह तंत्र को छोड़कर शेष सभी बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का 75 प्रतिशत भाग महानदी कछार एवं शेष 25 प्रतिशत भाग गंगा, गोदावरी एवं नर्मदा कछार में स्थित है। छत्तीसगढ़ प्रदेश अनेक नदियों का उद्गम स्थल भी है।
छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियाँ इस प्रकार है –
1.महानदी  2.शिवनाथ  3.मनियारी  4. हसदो  5. लीलागर 
6. अरपा    7.तांदुला    8.खारून    9.पैरी    10. जोंक 
11. सुरंगी  12. मांड  13. बोराई  14.ईब   ।

                                  1.महानदी

महानदी का प्राचीन नाम चित्रों चित्रोत्पला हैं। यह छत्तीसगढ़
की सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी है इसे छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा
छत्तीसगढ़ की गंगा आदि उपनामों से जाना जाता है।इस नदी की कुल लंबाई लगभग 851 कि.मी. है, जिसमे से 286 कि.मी.
छत्तीसगढ़ में है इस नदी का उद्गम धमतरी जिले के सिंहावा तहसील में स्थित श्रृंगी पर्वत से है। शिवनाथ, हसदो, बोराई, मांड, पैरी, ईब, जोंक, मनियारी,और सुरंगी, लीलागर, अरपा, खारुन, तांदुला आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं। राजिम और शिवरीनारायण इसके प्रमुख तटीय शहर है।
         

                                 2.शिवनाथ नदी

 यह महानदी की प्रमुख सहायक नदी है यह छत्तीसगढ़ की
 दूसरी सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी है। जलग्रहण क्षमता एवं
लम्बाई की दृष्टि से यह छत्तीसगढ़ की अत्यंत महत्वपूर्ण नदी मानी जाती हैं।इस नदी का उद्गम स्थल राजनांदगांव उच्च भूमि में अंबागढ़ तहसील के 625 मीटर ऊंची पानाबरस पहाड़ी से हुआ है। यह नदी अपने उद्गम स्थल से लगभग 40 की. मी. दूरी तक उत्तर की ओर बहती है परंतु अंबागढ़ चौकी के पास पूर्व की ओर मुड़ जाती है। इसके पश्चात उत्तर पूर्व में खुज्जी, राजनांदगांव, दुर्ग, धमधा और नांदघाट होती हुई 290 कि. मी प्रवाहित होती है तथा शिवरीनारायण के समीप महानदी में मिल जाती है। लीलागर, मनियारी, आभर, सुरही, खारुन, अरुण, तंदुला आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं। दुर्ग इसका प्रमुख तटीय शहर हैं।
    

                                 3.मनियारी नदी

यह नदी बिलासपुर जिले के उत्तर पश्चिम में लोरमी पटार से निकलती है। यह दक्षिण पूर्वी भाग में बिलासपुर तथा मुंगेली तहसील की सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है। इसकी सहायक नदियों में आगर, छोटी नर्मदा, घोंघा आदि प्रमुख है। इस नदी
पर खारंग-मनियारी जलाशय का निर्माण किया गया है।

                                  4. हसदो नदी

यह कोरबा के कोयला क्षेत्र तथा चांपा के मैदानी क्षेत्र में प्रवाहित हो वाली महत्वपूर्ण नदी है। इसका उद्गम कोरिया की पहाड़ियाँ हैं। इसकी लम्बाई 10 किमी. है। यह नदी शिवरीनारायण से कुछ दूर महानदी में मिल जाती है। गज, अहिर तान एवं चौरनाई इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। कोरबा एवं चांपा इसके किनारे रिश
प्रमुख तटीय नगर हैं।

                                 5. लीलागर नदी

इस नदी का उद्गम कोरबा जिले की पूर्वी पहाड़ियों से होता है।
नदी मुख्य रूप से बिलासपुर एवं रायगढ़ जिले में प्रवाहित हाती है। यह नदी कोरबा है से निकलकर दक्षिण में बिलासपुर और जांजगीर तहसील की सीमा बनाते हुए शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई लगभग 135 किमी. है।

                                  6. अरपा नदी

यह नदी पेन्ड्रा तहसील के खौड़ी पहाड़ी से निकलती है। यह विला
जिले में प्रवाहित होने वाली एक महत्वपूर्ण नदी है। इस नदी की लम्बाई लगभग किमी. है। खारंग इसकी प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी बिलासपुर जिले में प्रवाहित हुए बरतोरी के समीप ठाकुरदेवा नामक स्थान पर शिवनाथ नदी से मिल जाती है।

                                  7. तांदुला नदी

यह शिवनाथ नदी को प्रमुख सहायक नदी है। इसका उद्गम कांकेर जिले के भानुप्रतापुर के उत्तर में स्थित पहाड़ियां है। यह नदी मुख्यतः दुर्ग जिले में प्रवाहित होती है।34 कि.मी. होने के पश्चात 
इस नदी में बालोद एवं आदमाबाद के पास सूखा नाला मिलता है। इसी स्थान पर तांदुला बांध का निर्माण किया गया है। इसकी कुल लंबाई 64की. मी है।

                                 8.खारून नदी

यह शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। इसका उद्गम बालोद जिले के दक्षिण पूर्व में पेटेथुवा के समीप है। यह नदी 80 किमी. उत्तर की ओर प्रवाहित होकर जामघाट के समीप शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इस नदी की लम्बाई 2008 किमी. है। रायपुर खारून नदी के किनारे अवस्थित प्रमुख नगर है।

                                   9.पैरी नदी

यह महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। इसका उद्गम स्थल गरियाबंद जिले की बिन्द्रानतागढ़ के समीप भातृगढ़ पहाड़ियाँ है। यह नदी समुद्र तल से 493 मीटर ऊंची पहाड़ी से प्रवाहित होती है। यह रायपुर जिले के दक्षिण पूर्व से आकर महानदी में मिल जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 90 किमी. है।

                                  10. जोंक नदी

यह महासमुंद जिले की प्रमुख नदी है। यह रायपुर के पूर्वी क्षेत्र का जल लेकर बलौदा बाजार तहसील में मरकारा नामक स्थान से पूर्व की ओर महानदी के उत्तरी तट पर स्थित शिवरीनारायण के ठीक विपरीत दक्षिणी तट पर मिलती है। इस नदी की कुल लम्बाई 90 किमी. है।

                                 11. सुरंगी नदी

यह नदी रायगढ़ के दक्षिणी भाग का जल लेकर बलीदा के दक्षिण में लखमौर (उड़ीसा) से कुछ उत्तर में रायगढ़ की सीमा पार कर लखमोंटा के समीप ओंग नदी में मिल जाती है। जो सुदूर पूर्व में सरादपती (उड़ीसा) नामक स्थान पर महानदी में मिल जाती है।

                                 12. मांड नदी

इस नदी का उद्गम सरगुजा जिले के मैनपाट पठार का उत्तरी भाग है।यह नदी मुख्यतः सरगुजा एवं रायगढ़ जिले में प्रवाहित होती है। यह नदी चन्द्रपुर के निकट महानदी में मिल जाती है।

                                 13. बोराई नदी

 यह नदी कोरबा के पठारी क्षेत्र से निकलती है तथा दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हुई महानदी में मिल जाती है।

                                  14.ईब नदी

 यह महानदी की बायीं तट की प्रमुख सहायक नदी है। इसका उद्गम जशपुर तहसील की पन्ड्रापाट पठार की खूरजा पहाड़ियाँ है। इस नदी का प्रवाह क्षेत्र दक्षिण के कुछ भाग को छोड़कर दक्कन लावा का पठारी असमतल धरातल है । यह अपने प्रवाह मार्ग में अनेक स्थानों पर जलप्रपातों का निर्माण करती है। यह नदी मुख्यतः जशपुर एवं रायगढ़ जिले में प्रवाहित होती है। सिरी, डोरकी, मैनी, खोरंग आदि ईव की प्रमुख सहायक नदियाँ है। ईव नदी अपनी रेत में पाये जाने वाले प्राकृतिक स्वर्णकणों के लिए प्रसिद्ध है।
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