सोलह सोमवार व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्ति होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
इस व्रत की कथा यह है कि एक बार एक राजा ने अपनी कन्या का विवाह शिव भगवान से करने का फैसला किया था । परंतु उसके पुत्र इस फैसले का विरोध किया था। उसने व्रत के बारे में न समझकर जोर- जोर से हँसी की और अपने पिता को व्रत करने से मना कर दिया।उसके पुत्र की हंसी से अपमानित होकर राजा ने शिव मंदिर में व्रत रखने का निश्चय किया। उन्होंने 16 सोमवार व्रत रखा और उनकी भक्ति से महादेव भगवान ने उन्हें अपने दर्शन करवाए ।अंततः राजा की इच्छा पूरी हुई और उनकी कन्या शिव भगवान से विवाह कर ली। इस तरह से सोलह सोमवार व्रत का महत्व जाना जाता हैं।इस व्रत को लोग ज्यादातर सावन मास में रखते हैं।
FAQ –
सोलह सोमवार व्रत क्या होता है?
सोलह सोमवार व्रत हिंदू धर्म में महादेव भगवान को समर्पित व्रत होता है। इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की कृपा होती हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
सोलह सोमवार व्रत कब शुरू करना चाहिए?
सोलह सोमवार व्रत को शुरू करने के लिए कोई विशेष दिन नहीं है। आप इसे किसी भी सोमवार से शुरू कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि यह व्रत संपूर्ण 16 सोमवारों तक जारी रखना होता है।
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