मनु भाकर का जीवन परिचय l biography of manu bhaker l manu bhaker Biography in hindi
नोट – हिंदी और इंग्लिश में जानकारी प्राप्त करे।
हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट मे आपको मनु भाकर के जीवन के बारे बताने जा रहे यह पोस्ट आपको अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।
मनु भाकर का जीवन परिचय

दोस्तों अपने गजब के हुनर से भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में नाम कमा चुकी हरियाणा की पिस्टल शूटर मनु भाकर आज उन बुलंदियों को छू चुकी है जिस पर हर एक एथलीट पहुंचने का सपना देखता है। जी हां हम बात कर रहे हैं इंडिया की शूटर मनु भाकर की जो महज 16 साल की उम्र में केवल शूटिंग में नही बल्कि बॉक्सिंग, टेनिस, मार्शल आर्ट कबड्डी और तांगता जैसे गेम्स में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से नेशनल लेवल के प्राइस के साथ साथ दर्शकों का दिल भी जीत चुकी है।
मनु भाकर का जन्म
मनु भारत की उभरती हुई शूटर है और उनका जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के गोरिया गांव में हुआ था।
मनु भाकर की फैमली
दोस्तो मनु के पिता रामकिशन भाकर है जो मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर है। उनकी माता का नाम सुमेधा है जो एक टीचर है और उनका एक भाई है जो उनका नाम अखिल है जो एक जाट सैनिक फैमिली से बिलोंग करती है।
मनु भाकर की पढ़ाई
मनु भाकर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई हरियाणा की यूनिवर्सरी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की।
मनु भाकर का बचपन
मनु को बचपन से खेल में काफी इंटरेस्ट था। इसके अलावा मनु भाकर ने डांस में भी काफी रुचि रखती हैं और स्कूल में होने वाले कल्चर प्रोग्राम से बढ़ चढ़कर भाग लिया करती थी। पिस्टल में शामिल होने से पहले क्रिकेट में उनकी काफी रुचि थी। हरियाणा के झज्जर में वीरेंद्र सहवाग के क्रिकेट कोचिंग ज्वाइन भी कर लिया था। इसके अलावा भारत की प्रसिद्ध बॉक्सर मैरीकॉम के ब्रांच में रिटायर होकर उन्होंने बॉक्सिंग और किक बॉक्सिंग में भी अपना हाथ अजमाया हालाकि बॉक्सिंग के दौरान उनकी आंख के पास लगी चोट के कारण उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दी।
इसके बाद उन्होंने तागता ज्वाइन कर लिया जो कि मणिपुर का एक पॉपुलर मार्शल आर्ट है कि मनु तागता के एक टूर्नामेंट में मेडल ना मिलने के कारण उन्होंने उसे भी छोड़ दिया। छोड़ने के अगले ही दिन मनु भाकर ने दादरी के पास एक अकेडमी ज्वाइन कर दिया था कि लेकिन उनका मन नहीं लगा और इसको भी छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अपने स्कूल के शूटिंग रेंज में एक दिन ऐसे ही पिस्टल उठा लिया और 10 पॉइंट 5 का निशाना लगाया। यह देखकर वहां की कोच जशपाल राणा हैरान रह गए क्योंकि इतना अधिक निशाना लगाने के लिए कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की प्रैक्टिस करनी पड़ती है। इसके बाद मनु भाकर को भारत की अगली बड़ी शूटर के रूप में देखा जाने लगा।
मनु भाकर की उपलब्धियां
दोस्तों पूरे इंटरनेट पर छाई मनु भाकर केरला में हुए नेशनल चैंपियन शीप 2017 में फेमस शूटर हिना सिद्धू का नेशनल रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक के बाद 9 गोल्ड मेडल जीतकर एक नामुमकिन सा प्रतीत होने वाला रिकॉर्ड बना दिया।
इसके अलावा आश्चर्य की बात है की मेक्सिको में हुए इंटरनेशनल स्पोर्ट्स शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में मनु भाकर दोबार स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी एलेग्जेंडर को भी मात दे दी।
दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मनु के जन्म से 4 साल पहले से अलेक्जेंड्रा शूटिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं और दोस्तों अभी की बात करें तो मनु इंटरनेशनल स्पोर्ट्स शूटिंग फेडरेशन आईएसएस 2018 के वर्ल्ड कप में दो-दो गोल्ड मेडल अपने नाम की है और ऑस्ट्रेलिया गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम 2018 में अपने से सीनियर प्लेयर को मात देकर मनु ने साबित कर दिया है कि आपके जीतने की जिद दूसरों के बने बनाए स्किल्स पर भारी पड़ सकती है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी ने 2 साल पहले शूटिंग शुरू की हो और सिर्फ 1 महीने के अंदर दो ऐसे रिकॉर्ड तोड़ दी आज तक किसी ने यह रिकार्ड तोड़ नहीं पाया।
कैसा रहा मनु का यहां तक का सफर
दोस्तों मनु का यह सफर शुरू हुआ जब पिता राम कृष्ण ने 2 साल पहले उनके हाथ में पिस्टल थमाया और एक दिन उनके पिता ने शूटिंग रेंज में मनु के साथ घूम रहे थे। उन्होंने मनु को यूं ही शूटिंग करने के लिए कहा। उन्होंने शूटिंग की तो पहले ही सूट में उसने बिल्कुल सेंटर में 10 नंबर टारगेट पर शूट किया। तभी से ही उन्होंने शूटिंग शुरू कर दी और उनके पिता मर्चेंट नेवी में इंजीनियर थे और मां स्कूल की प्रिंसिपल है। मनु ने शूटिंग की प्रैक्टिस कही नही बल्कि गोरिया गांव में बने यूनिवर्सल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने शूटिंग रेंज में पूरी की झांसी से 7 घंटे रोज मनु प्रैक्टिस किया करती थी।
एक समय ऐसा भी आया जब उनके पिता ने बेटी को प्रोफेशनल शूटर बनाने के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी कि मनु की मां बताती है कि पिस्टल शूटिंग शुरू करने से पहले एक मुक्केबाज थी, लेकिन आंख में चोट लगने की वजह से उन्हें मुक्केबाजी छोड़नी पड़ी। दोस्तों यह भी बता दूं कि मनु स्केटिंग में स्टेट चैंपियन भी रह चुकी है।
मनु को प्रेक्टिस करने के लिए विदेश से एक शूटिंग पिस्टल मंगवाने के लिए उसे लाइसेंस की जरूरत पड़ी थी लेकिन झज्जर जिला प्रशासन ने उसके लाइसेंस के आवेदन को रद्द कर दिया।उनके पिता की कई कोशिशों के बाद जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तब उसके बाद प्रशासन द्वारा की गई त्वरित जांच में फाइल संबंधी त्रुटि मिलने के बाद उसे दूर करते हुए पूरे सप्ताह भर में लाइसेंस जारी कर दिया गया।
मनु की ट्रेनिंग नेशनल कोच जशपाल राणा के देखरेख में हुई है। दोस्तो एस पाल राणा खुद बहुत बड़े शूटर रह चुके है उन्होंने 6 गोल्ड 2 सिल्वर और 3 ब्रोंज मेडल जीत चुके हैं।
अभी तक मनु ने टूर्नामेंट में 9 गोल्ड के साथ टोटल 15 मेडल जीत चुकी है
पिछले 9 महीनों में आई एस एस एफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 49 रैंक से आज आई एस एस एफ जूनियर वर्ल्डकप में फर्स्ट रैंक लाकर मनु ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया है।
मनु की सफलता की कहानी
उन्हें पहली सफलता वर्ष 2017 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद भी इसी वर्ष केरला में आयोजित नेशनल गेम्स में उन्होंने 9 गोल्ड मेडल जीते।
हीरो सिंधु जैसी कई वर्ल्ड कप मैच लिस्ट को भी हराया। फाइनल में 242 पॉइंट 3 पॉइंट प्राप्त करते हुए सिद्धू के 20 पॉइंट 8 पॉइंट के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
वर्ष 2018 में मेक्सिको के गोदारा जा रहा में आयोजित इंटरनेशनल शूटिंग बॉल फेडरेशनवर्ल्ड कप में मनु भाकर ने मेक्सिको के अलेक्जेंड्रा जवानों को दोबार हराकर महिलाओं की 10 मीटर में गोल्ड मेडल जीता। वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय शूटर बनने का एक नया कॉम्बैट गेम्स रिकॉर्ड बनाया।
दोस्तो अगर आप को यह जानकारी अच्छा लगा तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।
!! धन्यवाद !!
और पढ़े –