मूर्ति पी जाती है हजारों लीटर शराब।काल भैरव मंदिर, उज्जैन ।kal bhairav temple in ujjain l kal bhairav temple
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काल भैरव मंदिर, उज्जैन

दोस्तों वैज्ञानिकों को भारत के उज्जैन स्थित एक मंदिर के बारे में एक बहुत ही अजीब सी बात का पता चला उन्हें पता चला कि
यह एक मंदिर में स्थापित मूर्ति खुद ही खुद शराब पीती है यह मूर्ति पूरी की पूरी शराब पी जाती है इस बात का पता चलते ही उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हुआ और वे पहुंच गए इस मंदिर के सामने वे जैसे ही इस मंदिर के अंदर पहुंचे तो अंदर का नज़ारा देखकर सभी वैज्ञानिकों के होश उड़ गए ।
फिर वैज्ञानिकों ने इस मूर्ति के आस पास की खुदाई करवाई और खुदाई के वक़्त ऐसा नज़ारा दिखा कि सबकी आत्मा कांप गई।
कहा पर स्थित है यह मंदिर
दोस्तों उज्जैन शहर स्थित है बाबा काल भैरव का मंदिर महाकाल मंदिर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में जाएंगे तो आपको मंदिर के बाहर बनी दुकानों में शराब बिकती नज़र आएगी आप सोचेंगे कि मंदिर के बाहर शराब का यह कैसा नजारा रहा है परंतु यह नजारा तो कुछ भी नहीं क्योंकि असली नज़ारा तो आपको इस मंदिर के अंदर नज़र आएगा जिसे देखकर वैज्ञानिक भी इस मंदिर के सामने नतमस्तक हो गए हैं ।
तांत्रिक मंदिर में से एक
दोस्तों काल भैरव मंदिर एक तांत्रिक मंदिर है काल भैरव मंदिर की सबसे बड़ी विशेषताएं यह है कि यहां भगवान की प्रतिमा सक्छत रूप में मंदिरा पान करती है जैसे ही शराब के प्याली भैरव की मूर्ति के मुंह से लगाते हैं तो देखते देखते वो खाली हो जाती है दिन भर प्रतिमा हज़ारों लीटर शराब पी जाती है यह बात समझ में आती है क्योंकि वॉर्ममर तांत्रिक मंदिर में शराब पर चढ़ावा चढ़ाया जाता है परंतु काल भैरव खुद शराब पीते है जब भी पुजारी मूर्ति के मुख से शराब लगाते हैं तो देखते देखते पुरी की पूरी शराब गायब हो जाती है जी शराब कहां जाती है यह रहस्य आज तक भी उलझे हुए है।
यह तंत्र मंत्र के लिए प्रसिद्ध स्थान है प्राचीन समय में यहां पर सिर्फ तांत्रिक को ही आने की अनुमति थी और कालांतर मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया यहां जानवरों की बलि चढ़ाई जाती थी लेकिन अब बंद कर दी गई है मंदिर में काल भैरव मूर्ति के सामने झूला लगा हुआ है जिसमें भैरव की मूर्ति विराजमान है।
बाहरी दीवारों पर देवी की मूर्ति स्थापित है सभा ग्रह के उत्तर की ओर एक पाताल भैरव नाम की एक छोटी सी गुफा भी है भैरव बाबा के मंदिर में होने वाली तांत्रिक क्रियाएं आसन शब्दों में कह जाए तो सिर्फ वहां की पुजारी ही मदिरा पान करवा सकते हैं।
सबसे पहले भैरव की मूर्ति के पास बैठकर मंत्रो को उपचार किया जाता है फिर छोटी सी थाली में शराब डालकर कर बाबा के मुंह में लगा देते हैं आश्चर्य के बाद तो यह है कि दो मिनट के भीतर ही पूरी की पूरी शराब साफ हो जाती है आपको
जानकर आश्चर्य होगा कि मूर्ति के मुख में कोई छेद नहीं है यह रहस्य बना हुआ है कि पूरी शराब आखिर जाती कहा है ।
मंदिर के पुजारी के अनुसार
पहले यहां के लोग जाने की कोशिश करते थे यह मंदिरा पान अगर जाति कहा है मंदिर के पुजारी कहते हैं कि बाबा को अभिमंत्रित करते ही उन्हें मंदिरा का पान कराया जाता है। जिसे वे बहुत ही खुशी के साथ स्वीकार भी करते हैं ।
भारत के रहस्यमय में मंदिर हो और वहां पर वैज्ञानिक ना आए ऐसा हो नहीं सकता ब्रिटिश शासन के दौरान एक अंग्रेज अफसर के साथ कुछ वैज्ञानिक भी इस मंदिर में आए थे उन्होंने सोचा कि इस मंदिर को पूरी दुनिया के सामने बेनाकाब करेंगे वैज्ञानिकों और अंग्रेज़ों अफसरों के दल ने इस मंदिर के चारों तरफ खुदाई करवाई ताकि यह देख सके कि आखिर शराब मूर्ति के अंदर से जाती कहा है ।
मगर उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा फिर जाकर शोधकर्ता ने उन्हें इस मूर्ति के आसपास खुदाई आरम्भ करवाई परन्तु खुदाई होती चली गई लेकिन शराब का नामो निशान तक नहीं मिला फिर बाद में जाकर वह अंग्रेज़ अफसर ही बाबा का काल भैरव का अन्नय भक्त बन गया।
काल भैरव का यह मदिरा पीने का सिल सिला सदियों से चला आ रहा है और यह कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता यहां के लोग और पंडितों का कहना है कि वे बचपन से ही बह बाबा को भोग लगाते आ रहे हैं और जिसे भी खुशी खुशी स्वीकार करते हैं अब तो यहां पर प्रशासन की ओर से भी बाबा को शराब भेंट की जाती है ।
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धन्यवाद।।
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