आतंकवाद पर निबंध -essay on terrorism in hindi l aatankwad par nibandh
हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट मे आपको आतंकवाद पर निबंध के बारे में जानकारी देने वाला हूं। अगर यह पोस्ट आपको अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।
आतंकवाद पर निबंध

प्रस्तावना
आतंकवाद हिंसा का एक ऐसा गैर कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिए आतंकवादियों के द्वारा प्रयोग किया जाता है.आतंकवाद लगभग सभी देशों में फ़ैला हुआ है. हमारा देश भारत भी कई सालों से आतंकवाद पर लड़ रहा है.आतंकवाद में लोगों को मारा जाता है और उनसे मन मुताबिक काम करवाया जाता है.आतंकवाद से देश की शांति भंग होती है जो लोग आतंकवाद का साथ देते हैं आतंक फैलाते हैं उन्हें आतंकवादी कहा जाता है आतंकवाद की जड़ बहुत ही गहराई तक फ़ैली हुई हैं. आतंकवादियों के पास कोई भी नियम कानून नहीं होते हैं.यह लोग समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने के लिए केवल हिंसा गतिविधि का सहारा लेते हैं.।
आतंकवाद का अर्थ
आतंकवाद का अर्थ होता है आतंक फैलाना या आतंकवाद को बढ़ावा देना मतलब आतंकवाद एक प्रकार की अहिंसात्मक गतिविधि होती है.कहने का मतलब यह है कि कुछ लोगों के समूहों के द्वारा अन्याय और हिंसात्मक गतिविधि को अंजाम देने की प्रक्रिया को ही आतंकवाद कहा जाता है.l
आतंकवाद का कारण
आज हमारे देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या बेरोज़गारी,गरीबी भुखमरी आदि कारणों की वजह से लोग परेशान होकर आतंक का रास्ता अपना लेते हैं.कई युवा बेरोज़गारी की वजह से आतंक का रास्ता अपनाते हैं तो कुछ लोग इन बेरोज़गार गरीब एवं भुखमरी से प्रभावित लोगों को बहला फुसलाकर आतंक के रास्ते पर धकेल देते हैं.
आतंकवाद के कुछ प्रमुख कारण जो निम्न प्रकार से है
1.जब भी किसी देश की राजनीतिक , सामाजिक, प्रशासनिक और न्यायिक व्यवस्था आम नागरिकों के प्रतिसंवेदनहीन बन जाती है, तब आतंकवाद उत्पन्न हो जाता है.।
2. सरकार द्वारा नागरिकों की समस्याओं को हल करने का वादा किया जाए परंतु उनका समाधान ना किया जाए तब आतंकवाद उत्पन्न हो जाता है।
3.जब देश में गरीबी और बेरोज़गारी जैसी समस्या बढ़ती जा रही हो और इनका शोषण हो रहा हो.तो कई लोगों को लगता है कि सरकार हमारा साथ नहीं दे रही है, ऐसे में हिंसा और आतंकवाद का रास्ता चुनते हैं.एक कई देशों में राजनीतिक दल खुद चुनाव जीतने के लिए इन आतंकवाद आतंकवादी समूहों का सहयोग करते हैं और चुनाव जीतने के बाद भी आतंकवाद के बल बलबूते पर साहस चलाते हैं.इसलिए राजनीतिक भी आतंकवाद का प्रसार करती है.
4.भ्रष्टाचार भी कुछ हद तक आतंकवाद को बढ़ावा देता है.जैसे कि हमारे देश में बेरोज़गारी युवाओं की संख्या बहुत अधिक है.जब यह युवा खुले आम भ्रष्टाचार देखते हैं तब वह हथियार उठाने पर मजबूर हो जाते हैं.
5.आतंकवादी समूह अक्सर ऐसे युवाओं पर नज़रर खते हैं जो जीवन ने किसी कारण संतुष्ट है यह देकर आतंकवादी समूह इन सामान्य नागरिक को अपने जाल में फंसा आतंकवादी बना देते हैं.
6.लोकतांत्रिक देशों में कुछ सामाजिक तक तो अलग अलग धर्मों के बीच लड़ाई करवाते हैं जिसे आतंकवाद बढ़ता है.आज सभी देश बड़ी मात्रा में परमाणु बम बम हाइड्रोजन मिसाइल टोपे पर मशीनगन हथियारों का उत्पादन कर रहे हैं जिससे विश्व में आतंकवाद बढ़ता जा रहा है.
आतंकवाद के प्रकार
आतंकवाद कई प्रकार के होते हैं.कुछ मुख्य प्रकार जैसे राजनीतिक आतंकवाद, सांप्रदायिक आतंकवाद,आपराधिक आतंकवाद, धन आतंकवाद और ऋणात्मक आतंकवाद जो व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के लिए सामान्य नागरिक में डर फैलता है, उसे राजनीतिक आतंकवाद कहा जाता है और जो लोग धर्मों के बीच दंगे करवाते हैं उसे सांप्रदायिक आतंकवाद कहा जाता है.जो व्यक्ति अपहरण करके पैसे की मांग करे उसे आपराधिक आतंकवाद और इन सबके के अलावा जिस व्यक्ति का हमला करने का उद्देश्य पवित्र है उसके धनात्मक आतंकवाद कहते हैं जिसे कोई देश गुलाम है और उसको स्वतंत्र कराने के लिए दिन के नागरिकों के द्वारा जो हिंसा में कार्य किए गए उसे धनात्मक आतंकवाद कहा जाता है ऐसे ही जिस व्यक्ति का हमला करने का उद्देश्य किसी जाति देश समाज को बर्बाद करना हो, उसे आतंकवाद कहा जाता है.जैसे अगर देखा जाए तो हमारा पंजाब जो है जम्मू कश्मीर है इसमें भी आतंकवादी हमले द्वारा आतंकवाद अपवाद होते हैं.
आतंकवाद के दुष्परिणाम
आतंकवाद की वजह से लोग अपने आपको असुरक्षित मानते हैं आतंकवादी अपनी बातों को बनवाने के लिए लोगों को डरा कर या भय का माहौल उत्पन्न करके अपनी बातों को पूरा करवाते हैं.आतंकवाद की क्रिया मानव जाति को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है.और लोगों को इतना डरा देती है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते हैं.वे सोचते हैं कि आतंक हर जगह है जैसे घर के बाहर, रेलवे स्टेशन, मंदिर सामाजिक कार्यक्रमों, राष्ट्रीय कार्यक्रमों आदि जाने में घबराते हैं आतंकवाद की वजह से कई मासूम लोग जीव जंतु बच्चे बुज़ुर्ग आधे लोगों की जान चली जाती है.आतंकवाद से हमारी देश की प्रॉपर्टी को भी लाखों करोड़ों का नुकसान होता है।
आतंकवाद का समाधान
आतंकवाद ने हमारे जीवन को अनिश्चित बना दिया है.आतंकवाद मानव जाति के लिए एक कलंक है इसलिए इसका कठोर से समाधान किया जाना चाहिए.भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गंभीरता से लिया है.और इसे समाप्त करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदमों को उठाया है.भारत की संसद ने आतंकवाद विरोधी के विधायक पारित कर दिया है जिसके अंतर्गत आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर दंड देने की व की गई है.आतंकवादियों को पकड़ने और उन्हें दंड करने के लिए आधुनिक साधन तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए इसके लिए जनता को शिक्षित करना भी आवश्यक है जिसे जनता आतंकवादियों से लड़ने में डर का अनुभव ना करें.आतंकवाद आतंकवादियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास किए जानी चाहिए.
आ तक इस बात की है कि सभी भी देर एक मत होकर आतंकवाद को समाप्त करने का रंग संकल्प लें जो सभी के हित में होगा.देश में बढ़ती जनसंख्या बेरोज़गारी, भुखमरी गरीबी आदि को जल्द से जल्द दूर करके हम आतंकवाद को काफीहद तक रोक सकते हैं क्योंकि ज़्यादातर आतंक इनसमस्याओं की वजह पर होते हैं.कुछ राजनीतिक एवं धार्मिक और सांप्रदायिक एक लोग जो आतंक फ़ैलाने का कार्य कर रहे हैं,उनके खिलाफ सख्त तक कार्रवाई करनी चाहिए.जो अन्य देशों में बैठकर आतंकवादी संगठन चला रहे हैं और आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं उन सभी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ।
आतंकवाद को रोकने के लिए हमें औरपूरे विश्व को मिल जुड़ इसे निपटने की ज़रूरत है.तभी आतंकवाद से पूरी तरह से मुक्त हो पाएगा.
उपसंहार
आतंकवाद दिनों दिन बढ़ता ही चला जा रहा है जो हमारे देश नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या बन गया है.इसे रोकने के लिए पूरे विश्व को मिलकर कार्य करने की ज़रूरत है.अगर हमें आतंकवाद को कम करना है इसके लिए हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी.हमें अपने बच्चों को सही और गलत का फ़र्क समझाना चाहिए.यही बच्चे आगे चलकर देर का भविष्य बनेंगे और भारतीय सेना में जुड़ कर आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेंगे.आतंकवादी संगठन और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कार्यवाही करनी चाहिए.अगर इसे रोका नहीं गया यह पूरी मानव जातके लिए गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है.इसे रोकना अत्यधिक दिनों दिन अपने पैर पसार ही जा रहा है.आवश्यक है क्योंकि इसे रोका नहीं गया तोपूरे विश्व में एक आतंक का माहौल उत्पन्न करेगा और यहदिनों दिन अपने पैर पसार ही जा रहा है.
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!! धन्यवाद !!
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