हनुमान चालीसा क्या है । हनुमान चालीसा का महत्व । Hanuman chalisa in hindi

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आपको हनुमान चालीसा के बारे में जानकारी देंगे। यह पोस्ट आपको अच्छा लगा है इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।

हनुमान चालीसा क्या है

हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में पूजन एवं भक्ति के लिए गाया जाने वाला एक प्रसिद्ध धार्मिक गीत है। यह गीत भगवान हनुमान की महिमा को बताता है और उनकी कृपा एवं शक्ति को प्राप्त करने के लिए बोला जाता है।

हनुमान चालीसा के चलते, चालीसा में चालीस श्लोक होते हैं, जो भगवान हनुमान की पूजा के लिए गाए जाते हैं। यह गीत रामायण के एक अंश से संबंधित है, जिसमें हनुमान जी संकट मोचन नामक एक देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इस गीत को रोज सुबह-शाम गाने से भक्ति और ध्यान बढ़ता है।

हनुमान चालीसा का महत्व

हिंदू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है। इस गीत को गाने से भक्ति और ध्यान बढ़ता है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।

हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान की उपासना की जाती है जो संकटमोचन, बुद्धिबल, दीर्घायु, दीप्तिमान, विद्यावान एवं भक्तिमान होते हैं। इस गीत में हनुमान जी के गुणों, महिमा, जयंती एवं अनुग्रह के बारे में बताया जाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ अधिकतर लोग अक्सर मंदिरों या अपने घर में रोजाना करते हैं। इसे पढ़ने से न सिर्फ भगवान हनुमान की कृपा मिलती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त के जीवन में समृद्धि एवं सुख आते हैं और उन्हें संजीवनी शक्ति भी मिलती है।

हनुमान चालीसा की रचना

हनुमान चालीसा की रचना तुलसीदास जी ने की थी। तुलसीदास जी भगवान राम के भक्त थे और उन्होंने अपने जीवन में भगवान हनुमान की भक्ति की थी। उन्होंने रामचरितमानस जैसी बहुत सारी महाकाव्य लिखी हैं, जिनमें से एक हनुमान चालीसा है।

हनुमान चालीसा को लिखने का मुख्य कारण तुलसीदास जी को भगवान हनुमान की भक्ति के लिए उन्हें एक समर्पित भक्ति गीत चाहिए था। हनुमान चालीसा का व्याकरण, वर्ण एवं वाक्य बहुत सुंदर है और इसका पाठ करने से भक्त को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा में 40 श्लोक होते हैं। ये श्लोक निम्नलिखित हैं:

श्रीगुरू चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर |
राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा ||

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै ।
शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग बंदन ||

विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर ।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया ||

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा |
भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचंद्र के काज सँवारे ।।

लाय सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||

सहस बदन तुम्हरो जस गावें, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें । सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ||

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा ||

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना लंकेस्वर भए सब जग जाना ।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानु ||

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ।

दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे |
सब सुख लहे तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डर ना ||

आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक तें काँपै ।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा |
संकट तें हनुमान छुड़ावैं, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा ।
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा |
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता ।
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै ।
अंत काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ।।

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई ।
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||

जै जै जै हनुमान गोसांई, कृपा करहु गुरु देव की नाई ।
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा । तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ।।

दोहा
दोहा पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ।।

Hitesh

हितेश कुमार इस साइट के एडिटर है।इस वेबसाईट में आप भारत के कला संस्कृति, मंदिर, जलप्रपात, पर्यटक स्थल, स्मारक, गुफा , जीवनी और अन्य रहस्यमय जगह के बारे में इस पोस्ट के माध्यम से सुंदर और सहज जानकारी प्राप्त करे। जिससे इस जगह का विकास हो पायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
जाने भगवान शिव के 5 बेटियों के नाम और उनकी उत्पत्ति की कहानी । bholenath ki 5 betiyon ke naam सौरव जोशी का जीवन परिचय l Sourav joshi biography in hindi