पशुपतिनाथ व्रत करने के फायदे l Pashupatinath Vrat In Hindi।Method Of Pashupatinath Vrat

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हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट मे आप को पशुपतिनाथ व्रत के बारे मे जानकारी देने वाला हुँ। यह पोस्ट आपको अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।

पशुपतिनाथ व्रत की विधि

पशुपतिनाथ व्रत करने के फायदे l Pashupatinath Vrat In Hindi।Method Of Pashupatinath Vrat

live कथा

क्या है पशुपतिनाथ व्रत

दोस्तों एक पशुपति व्रत होता है। यदि कोई विशेष समस्या हो? जो आप नहीं बता सकते किसी को बहुत तकलीफ चल रही हो, बहुत कष्ट हो रहा हो। बहुत ज्यादा दुखी हो तो 5 सोमवार पशुपति व्रत के करना चाहिए।

कब करना चाहिए यह पशुपतिनाथ व्रत

दोस्तों पशुपतिनाथ व्रत तब करना चाहिए जब । कोई दिक्कत आ गई है, कोई बीमारी आ गई है। बहुत अधिक कष्ट ज्यादा हो रहा है। कोई कर्जा बढ़ गया है, कोई लेन देन रह गया है। कोई परेशान कर रहा है तो आप पशुपति व्रत आप कर सकते है। आपके जीवन में पांच व्रत करोगे और काम सफल होगा इस व्रत से इसे कहते है पशुपतिनाथ व्रत।

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पशुपतिनाथ व्रत की क्या है महिमा

दोस्तों पशुपतिनाथ व्रत की महिमा बहुत ही शक्तिशाली और अद्भुत है । दोस्तों इस व्रत को सच्चे मन और विश्वास के साथ करने पर आपको कई प्रकार रोग या कष्ट से परेशानी हो रही है तो एक बार इस पशुपतिनाथ व्रत को करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

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पशुपति व्रत करने के नियम

दोस्तों पशुपति व्रत पांच सोमवार तक करना है। कोई से भी सोमवार से चालू कर सकते हो, कैसे करना है हमने इस तरह बताया है ।

1. सबसे पहले सुबह के समय पर भगवान शंकर का अभिषेक पूजन करने मंदिर में चले जाओ।

2. पूजन अर्चना करके आने के बाद शाम के समय वही थाली लाकर घर में रख लो।

3. सुबह के समय फल का आहार या मीठे का भोजन कर ले।

4. शाम के समय घर से 6 दिए जलाकर ले जाएं घी के साथ में कुछ मीठा बना कर ले जाए।

5. शंकर जी के मंदिर में जाकर मीठे के तीन हिस्से कर दे । 2 हिस्से मंदिर में रख दें। एक हिस्सा अपने साथ लेकर आना।

6. मंदिर से 6 दिए लेकर गए हो उनमें से 5 दिए भगवान शंकर के सामने जलाकर रख दे और पशुपतिनाथ के नाम से अपनी कामना करके 1 दिया वापिस अपने थाली में रख लेना जब घर में प्रवेश करें तो घर के अंदर प्रवेश करते समय राइट भाग में जो 1दिया लेकर आए हो वह दिया दरवाजे के बाहर लगा दीजिए और घर के अंदर प्रवेश कर जाओ ।

7. शाम के समय भोजन करे तो मंदिर से आपने तीन हिस्से किए थे उसमे से जो एक हिस्सा लेकर आए हो उसके साथ भोजन कर लीजिए। इसको कहते हैं पशुपतिनाथ व्रत।

पशुपतिनाथ जी की आरती

ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा ।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥
ॐ जय गंगाधर

कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने ।
गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥
ॐ जय गंगाधर

कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता ।
रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥
ॐ जय गंगाधर

तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता ।
तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥
ॐ जय गंगाधर

क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्‌ ।
इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्‌ ॥
ॐ जय गंगाधर

बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता ।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥
ॐ जय गंगाधर

धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते ।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते ॥
ॐ जय गंगाधर

रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता ।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥
ॐ जय गंगाधर

तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते ।
अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥
ॐ जय गंगाधर

कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्‌ ।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥
ॐ जय गंगाधर

सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम्‌ ।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम्‌ ॥
ॐ जय गंगाधर

मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम्‌ ।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम्‌ ॥
ॐ जय गंगाधर

सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम्‌ ।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥
ॐ जय गंगाधर

शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते ।
नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते ॥
ॐ जय गंगाधर

अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा ।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा ॥
ॐ जय गंगाधर

ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा ।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा ॥
ॐ जय गंगाधर

संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते ।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥
ॐ जय गंगाधर

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Hello friends, my name is Hitesh Kumar, in this post I am going to inform you about Pashupatinath Vrat. If you like this post then do comment and share.

Method of Pashupatinath Vrat

What is Pashupatinath Vrat

Friends, there is a Pashupati fast. If there is a specific problem? What you cannot tell, someone is suffering a lot, is suffering a lot. If you are very unhappy then 5 Mondays should be done during Pashupati fast.

When should you do this Pashupatinath fast?

Friends, Pashupatinath fast should be done when. Some problem has come, some disease has come. Too much suffering is happening. Some debt has increased, some transaction has remained. If someone is troubling you then you can do Pashupati fast. You will observe five fasts in your life and work will be successful, from this fast it is called Pashupatinath Vrat.

What is the glory of Pashupatinath fast

Friends, the glory of Pashupatinath Vrat is very powerful and wonderful. Friends, if you observe this fast with sincere heart and faith, you are facing problems due to many diseases or troubles, then once you observe this Pashupatinath fast, you will get the desired results.

Rules for fasting Pashupati

Friends, Pashupati fast is to be done for five Mondays. Anyone can start from Monday, we have told how to do this.

1. First of all, go to the temple in the morning to worship Lord Shankar.

2. After coming after worshiping, bring the same plate in the evening and keep it in the house.

3. Eat fruit or sweet food in the morning.

4. Light 6 lamps from home in the evening and take it with ghee and prepare something sweet.

5. Go to Shankar ji’s temple and make three portions of sweet. Keep 2 parts in the temple. Bring a part with you.

6. Have taken 6 lamps from the temple, keep 5 of them lit in front of Lord Shankar and after doing your wish in the name of Pashupatinath, keep 1 lamp back in your plate when you enter the house, then right part while entering inside the house. The one lamp that I have brought, put it outside the door and enter inside the house.

7. If you eat food in the evening, then you should eat three portions from the temple, out of which you have brought one portion. This is called Pashupatinath Vrat.

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Hitesh

हितेश कुमार इस साइट के एडिटर है।इस वेबसाईट में आप भारत के कला संस्कृति, मंदिर, जलप्रपात, पर्यटक स्थल, स्मारक, गुफा , जीवनी और अन्य रहस्यमय जगह के बारे में इस पोस्ट के माध्यम से सुंदर और सहज जानकारी प्राप्त करे। जिससे इस जगह का विकास हो पायेगा।

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