झांपी डोगरी मंदिर रसमडा
पता – यह राजनांदगांव से 28.5 किलोमीटर और दुर्ग से 13
किलोमीटर की दूरी पर स्थित है माता का मंदिर।
सिद्ध पीठ – झांपि डोगरी माता दुर्गा का मंदिर मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है।
मां दुर्गा का रूप – यह मंदिर मां दुर्गा की एक अवतार देवी झांपी को समर्पित है।
प्राचीन मंदिरों में से एक – प्रसिद्ध झांपी डोगरी मंदिर, छत्तीसगढ़ में अत्यधिक भर्मण किए जाने वाले प्राचीन मंदिरों मे से एक है यह मंदिर।
मनोकामना पूर्ति – यह भक्तों कि सारी इच्छाएं को पूर्ण करती है मां झांपी।
पौराणिक मान्यता – कहा जाता है कि देवी झांपी का जन्म देवी पार्वती से हुआ था ।
मंदिर का इतिहास – रसमडा में झांपी डोगरी नाम से एक इतिहास का अध्याय छिपा हुआ है। ग्राम के बुजुर्गो के अनुसार इस मंदिर का निर्माण सतयुग में हुआ था। कहा जाता है कि उस समय छ:महीने तक रात्रि थी, चैत्र वैशाख का महिना था एक बारात शादी की परम्परा का निर्वाह कर दूल्हा दुल्हन एवं बाराती इसी स्थल पर रात्रि में विश्राम के लिए ठहरे थे जो दैविक प्रभाव से पत्थर के प्रतिमा के परिवर्तित हो गए। आज भी इस मंदिर में दूल्हा- दुल्हन एवं झांपी (सामान रखने की टोकरी ) पत्थर के रूप में विद्यमान है। प्रति महाशिवरात्रि में मेला का आयोजन व क्वांर एवं चैत्र नवरात्री में ज्योति कलश स्थापना श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। यहां दूर – दराज के ग्रामीण आकर अपनी मनोती मांगते हैं।
वर्तमान में जीर्णशिर्ण मंदिरों का जीर्णद्वार मंदिर समिति व ग्रामीण श्रद्धालुजन के द्वारा कि जा रही है।
सभी धर्मप्रेमियों से आग्रह है कि दर्शनार्थ पधारे एवं अपना अमूल्य
सहयोग प्रदान कर धर्मकार्य से अवश्य जुड़े।
आरती का समय – मंदिर में प्रतिदिन सुबह 7 बजे एवं शाम को 7 बजे होता हैl
मंदिर का निर्माण – यह मंदिर इटो की चिनाई द्वारा बनाया गया था परन्तु वर्तमान में यह मंदिर संगमरमर से सजा हुआ है एवं यह चारो ओर से पिरामिड के आकार वाले स्तम्भ से घिरा हुआ है ।इस मंदिर के पास के मुख्य आकर्षण इसके पीछे की ओर स्थित तालाब है।
हमने यूट्यूब में इस मंदिर का वीडियो बनाया है जिसे देखे और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर दे-
Youtube channel – hitesh kumar hk
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