हेलो दोस्तों मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट में मैं आपको बालोद के कपिलेश्वर शिव मंदिर के बारे में जानकारी देने वाला हूं। कपिलेश्वर शिव मंदिर, बालोद
पता – यह छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में स्थित है कपिलेश्वर मंदिर।
गर्भगृह – कपिलेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है।
मंदिर के द्वार पर- इस मंदिर के द्वार चौखट पर गंगा यमुना तथा सिरदल पर गणेश दर्शनीय है।
नागो का अंकन – इस मंदिर के शिखर भाग पर चारों ओर नागों का अंकन है।
मंदिर का निर्माण –कपिलेश्वर एवं अन्य समकालीन मंदिरों का निर्माण लगभग 13-14 वीं शती ईस्वी में नागवंशीय राजाओं के राजस्व काल में हुआ था ।
पूर्वी मुखी मंदिर – कपिलेश्वर शिव मंदिर का जो मुख है वह पूर्व दिशा की ओर स्थित हैं।
बावड़ी के किनारे स्थित – कपिलेश्वर शिव मंदिर गोलाकार बावड़ी के किनारे स्थित है । बावड़ी के पास में नंदी देव विराजमान हैं।
ऊंचे चबूतरे पर स्थित मंदिर – कपिलेश्वर शिव मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है।
दुर्गा मंदिर – इसी तरह दुर्गा मंदिर एवं अन्य मंदिरों में भी चारों ओर से शिखर के भाग पर नागो का अंकन हुआ है।
दुर्गा मंदिर की संरचना –मंदिर परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर की नीव कमजोर होने के कारण यह मंदिर पश्चिम की ओर अधिक झुक गया था।इस मंदिर के शिलालेख को उतारकर मजबूत नीव के ऊपर मूलरूप संरचना की गई है। इस मंदिर के शिखर पर अंतः कक्ष निर्मित है तथा चारों ओर नाग सर्प बने हुए है।
शिवलिंग का जलाभिषेक – इस बावड़ी के जल से शिवलिंग एवं अन्य प्रतिमायों का अभिषेक किया जाता है।
प्राचीन प्रतिमाएं – मंदिर परिसर में अनेक प्राचीन प्रतिमाएं है जो पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित करता है।
अन्य मंदिर – कपिलेश्वर शिव मंदिर परिसर में दुर्गा मंदिर, गणेश मंदिर, राम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर एवं राधाकृष्ण मंदिर, साई मंदिर विद्यमान है।
पुरातत्विक विभाग की देख रेख – कपिलेश्वर शिव मंदिर हैं वह पुरातत्विक विभाग की देख रेख सुरक्षित है। यह मंदिर – समूह धार्मिक एवं पुरातत्वीय दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है।
चतुर्भुज गणेश प्रतिमा – कपिलेश्वर मंदिर के बाहर दोनों ओर एक- एक विशालकाय चतुर्भुज गणेश प्रतिमाये स्थापित है।
पत्थरों से निर्मित – मंदिर परिसर में ही शिवलिंग और नंदी देव के रूप को पत्थर से खुरजकर इस पत्थर में तराशा गया है।
सांई मंदिर – मंदिर परिसर में सुंदर सांई मंदिर का बनाया गया है
जिसके अंदर में सांई जी विराजमान है। जो श्रद्धा और सबूरी का संदेश दे रहा है।
शिवरात्रि एवं सावन पर्व में – कपिलेश्वर शिव मंदिर में सावन पर्व पर कावड़ यात्री इस शिव मंदिर में पहुंचते है और शिवलिंग को जल से अभिषेक करते हैं और मंदिर में बोल बम के नारे से यह मंदिर गूंज उठता है। शिवरात्रि के पावन पर्व में श्रद्धालु दूर- दूर इस मंदिर में पहुंचते हैं और शिवलिंग के दर्शन करते हैं।
🙏 जय जोहार जय छत्तीसगढ़ 🙏