हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट में आपको पार्थि शिवलिंग का निर्माण के बारे में बताने जा रहे यह पोस्ट आपको अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।
पार्थिव शिवलिंग का निर्माण
सबसे पहले आपको एक पात्र में शिवलिंग का निर्माण करना है उसके लिए ब्राह्मण को सफेद मिट्टी लेकर शिव लिंग का निर्माण करना है। क्षत्रिय को लाल मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करना है वैशव को पीली एवं शूद्र को काली मिट्टी से शिवलिंग लिंग का निर्माण करना है अगर मिट्टी आसानी से नहीं मिल पा रहा है आप अपने घर के गमले की किसी ही मिट्टी से शिवलिंग बना सकते हैं लेकिन पांच शिव लिंग का निर्माण अवश्य करें।
पार्थिव शिवलिंग की पूजन की सामग्री
गेहूं के 21 दाने, 5 कमल गट्टे, 108 चावल के दाने, 21 काली मिर्च, एक चुटकी काली तिल, 1 धतूरा, 7 बैलपत्री, 7 शमी पत्र, लाल गुलाब के सात फूल या सफेद फूल |
पार्थिव शिवलिंग के अभिषेक की सामग्री
दूध, दही, शहद, घी, शकर इत्र, चंदन, 3 गोल सुपारी रोली, चावल, मोली, कपूर 2 घी के दीप, एक दिया, जनेऊ, सफेद, पीली, लाल या काली मिट्टी शिवलिंग बनाने के लिए, जनेऊ, सफेद, पीली, लाल या काली मिट्टी शिवलिंग बनाने के लिए।
पार्थिव शिवलिंग का महत्व
- 1.शिवभक्ति की आदर्श प्रतीक – पार्थिव शिवलिंग शिवभक्ति का प्रतीक है और भक्तों को अपने आस्थान पर शिव के साथ संवाद करने का एक आदर्श तरीका प्रदान करता है।
- 2.गौरक्षा का समर्थन – इसे गोबर से बनाया जाता है, जिससे गौरक्षा का समर्थन होता है और भक्तों को गोमाता के प्रति आदर्शता की अनुसंधान होती है।
- 3.आध्यात्मिक एवं भौतिक समृद्धि – पार्थिव शिवलिंग की पूजा से आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि होती है, जिससे भक्तों को मानव जीवन में संतुलन प्राप्त होता है।
- 4.भक्तों को शिव के साथ जोड़ना – इस पूजा के माध्यम से भक्तों को अपने आराध्य भगवान शिव के साथ एकाग्र मन से जोड़ने का अवसर मिलता है।
- 5.शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक – पार्थिव शिवलिंग भगवान शिव के निराकार स्वरूप को प्रतिष्ठित करता है और भक्तों को शक्ति और सामर्थ्य की प्राप्ति का मार्ग दिखाता है।
- 6.गौरी-शंकर का अर्थपूर्ण सम्बन्ध – गोबर से बना हुआ पार्थिव शिवलिंग गौरी-शंकर के अद्वितीय सम्बन्ध को प्रतिष्ठित करता है, जिससे यह एक पूर्णता और समरसता का प्रतीक बनता है।
- 7.शिवरात्रि और सावन मास की महत्वपूर्ण पूजा – सावन मास और शिवरात्रि के समय पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव के आस्थान में भक्तों को एक अद्वितीय सात्त्विक अनुभव प्रदान करता है।
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पार्थिव शिवलिंग FAQ –
पार्थिव शिवलिंग क्या है?
पार्थिव शिवलिंग गाय के गोबर से बनाया गया एक शिवलिंग है जो शिव भक्तों के द्वारा पूजा जाता है।
सावन मास में पार्थिव शिवलिंग पूजा क्यों करते हैं?
सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की आराधना करना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना है, जिसमें भक्तिभाव और पूर्ण श्रद्धा होती है।
पार्थिव शिवलिंग कैसे बनाएं?
पार्थिव शिवलिंग को गाय के गोबर से बनाया जा सकता है। इसे आकृति देने के बाद सांद्रव बनाकर पूजा के लिए सजाया जा सकता है।
पार्थिव शिवलिंग पूजा का विधान क्या है?
पूजा के लिए पार्थिव शिवलिंग को साफ़ करें, उसे धूप, दीप, फल, पुष्प, बेल पत्र, गंगाजल, और शिव मंत्रों के साथ पूजें।
पार्थिव शिवलिंग पूजा के क्या लाभ हैं?
इस पूजा से भक्ति बढ़ती है, और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सुख, शांति, और समृद्धि मिलती है।
क्या है सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजा का सही समय?
सावन मास में सोमवार और शिवरात्रि को पार्थिव शिवलिंग पूजने के लिए विशेष महत्व होता है।