हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट मे माता सती ने शंकर को पाने के लिए श्रावण के महीने में सबसे ज्यादा साधना करी थी । और माता सती ने इस अराधना के जरिए शिव जी को प्राप्त किया तो इस पोस्ट में आपको वह रहस्य बताने वाले है। यह पोस्ट अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।
सावन पर्व में करे पार्थिव शिवलिंग की पूजा
पार्थिव शिवलिंग की पूजा
श्रावण के महीने में माता सती शंकर भगवान के मिट्टी के पार्थिक शिवलिंग का निर्माण करती है। पूजन करती है अर्चना करती हैं। शाम के समय शिवलिंग को मस्तक पर स्पर्ष करकर जलाशय में तालाब में उसका विसर्जन कर देती थीं। माता सती शंकर जी को इसी श्रावण में रिझाई थी। इसलिए शंकर को श्रावण अति प्रिय है।
किस वर्ण के व्यक्ति को कोन सी मिट्टी से शिवलिंग बनाना चाहिए
शिव महापुराण में इसका वर्णन है। पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके पूजा अर्चना करना चाहिए। ब्राह्मण सफेद मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण करें। वैश्य पीली मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण करें | क्षत्रिय लाल मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण करें और शुद्र काली मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण करे |
पार्थिव शिवलिंग का आकार क्या होना चहिए
दोस्तो मिट्टी के शिवलिंग तो हम बना लेंगे लेकिन अब बात ये आता है की उस शिवलिंग का आकार क्या होना चाहिए। अगर हम पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर रहे हैं या हमारे घर में हम कोई मूर्ति रख रहे हैं। या हमारे घर में हम कोई मूर्ति को विराजमान कर रहे है। तो जमीन पर अपने हस्त कमल को रखकर अंगूठे को ऊंचा कर कर देख लो। बस इतनी बड़ी मूर्ति घर के अंदर होना चाहिए। चाहे वह लड्डू गोपाल की हो, वह दुर्गा भवानी की हो, चाहे वह राम जी की और शंकर जी की हो नी बड़ी मूर्ति घर के अंदर होना चाहिए क्योंकि जितनी बड़ी मूर्तिउतनी ज्यादा सेवा करना पड़ेगा जैसे मंदिर में सेवा होती है।अगर मूर्ति छोटी होगी तो उतनी ही कम सेवा करनी पड़ेगी । और मूर्ति जितनी बड़ी होगी उतना ही अधिक सुख प्रदान करेगी और उतना आनंद देगी ।
अगर आप श्रावण के महीने में रोज शिवलिंग नहीं बना सकते तो क्या करे
दोस्तो अगर आप सावन के महीने में रोज शिवलिंग नहीं बना सकते तो पूरे महीने में एक बार शंकर का शिवलिंग का पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना चाहिए। और उस पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करके सच्चे मन से उसकी पूजा अर्चना करना चाहिए।
पार्थिव शिवलिंग मंत्र
यदि आप पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिए मंत्र ढूंढ़ रहे हैं, तो यह एक प्रमुख मंत्र है:ॐ नमः शिवाय।इस मंत्र को जाप करते समय ध्यान और श्रद्धा के साथ किया जाता है, जिससे भक्ति और आत्मा का संयोजन होता है। आप इस मंत्र को जपते समय पार्थिव शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं, इससे आपकी पूजा संपूर्ण होगी और आप शिवजी से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
पार्थिव शिवलिंग बनाने समय इन बातो का ध्यान रखे
पार्थिव शिवलिंग को बनाने से पहले पात्र के अंदर एक बेलपत्र रखना चाहिए। बेलपत्र का वृक्ष माता पार्वती के नेत्र असरू से प्रकट हुआ है। और रुद्राक्ष का वृक्ष शंकर भगवान के नयन असरुसे प्रकट हुआ है। तो बेलपत्र रखकर उसके ऊपर शिवलिंग का निर्माण करें। उसका आनंद उसका फल अलग है।
सावन में करे पार्थिव शिवलिंग की पूजा FAQ
1.सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों करें?
सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना शिवभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने में सहायक होता है।
2.पार्थिव शिवलिंग कैसे बनता है?
पार्थिव शिवलिंग को गाय के गोबर या शिवलिंग की मूर्ति के रूप में बनाया जा सकता है। इसे धूप, दीप, फल, पुष्प, बेल पत्र, गंगाजल, और शिव के मंत्रों के साथ पूजा जाता है।
3.पार्थिव शिवलिंग की पूजा कब करें?
सावन मास के सोमवार को या शिवरात्रि जैसे शिव के पर्वों पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
4.कौन-कौन सी सामग्री चाहिए पूजा के लिए?
पूजा के लिए गोबर, शिवलिंग मूर्ति, धूप, दीप, फल, पुष्प, बेल पत्र, गंगाजल, रोली, चावल, और शिव मंत्रों की सामग्री की आवश्यकता होती है।
5.पार्थिव शिवलिंग पूजा के लाभ क्या है?
इस पूजा से भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है, और शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
6.क्या है पार्थिव शिवलिंग पूजा का विधान?
शिवलिंग को साफ़ करके, सजाकर, और उसे पूजन से पहले शिव मंत्रों का जाप करते हुए पूजा करना चाहिए। भक्ति भाव से पूजा करते हुए भगवान शिव की आराधना की जाती है।
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