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पशुपतिनाथ पूजा क्या है

पशुपतिनाथ पूजा भगवान शिव की उपासना का एक विशेष प्रकार है। यह पूजा भगवान शिव के आराधना के लिए की जाती है और इसमें श्रद्धा और विशेष समर्पण होता है। पशुपतिनाथ पूजा के दौरान, भक्त भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को जल, फूल, धूप, बिल्व पत्र, चावल, गुड़, घी, दूध आदि से पूजते हैं। यह पूजा शिव भगवान की कृपा प्राप्ति, आत्मा की शुद्धि, संतान की प्राप्ति, और शुभ समाप्ति के लिए की जाती है।

पशुपतिनाथ पूजा का अर्थ

पशुपतिनाथ” भगवान शिव के एक प्रसिद्ध नामों में से एक है, जिसका अर्थ है “पशुओं के प्रमुख”. यह नाम भगवान शिव के पशुओं के स्वामी या नियंत्रक के रूप में प्रदर्शित करता है। “पशु” शब्द यहां प्राणियों को संकेतित करता है, और “पति” का अर्थ होता है शासक या स्वामी। इसके अलावा, “पशुपति” शिव जी का विशेष स्वरूप भी हैं जो सृष्टि के सभी प्राणियों के संरक्षण और शांति का स्वामी होते हैं।

पशुपतिनाथ पूजा भगवान शिव की उपासना में की जाती है और इससे शिव के आशीर्वाद, संतान की प्राप्ति, आत्मिक शुद्धि, और आत्मा के पारमार्थिक विकास की कामना की जाती है।

पशुपतिनाथ पूजा कैसे करें

पशुपतिनाथ पूजा कैसे करें, इसकी विधि निम्नलिखित है:

  • पूजा की तैयारी – पूजा के लिए एक शुद्ध और पवित्र स्थान चुनें।शिवलिंग, फूल, धूप, दीप, अखंड दिया, दूध, बेलपत्र, जल, गंध, अक्षत (चावल के दाने), बिल्वपत्र, बस्तर, गंगाजल, शंख, जपमाला, केशर, और भगवान शिव के प्रिय वस्त्रों की आवश्यकता होती है.
  • श्रद्धा और शांति – आत्म-शुद्धि के लिए श्रद्धा और शांति की भावना के साथ शिव पूजा की शुरुआत करें।
  • शिवलिंग का स्नान –शिवलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके लिए गंगा जल या गंगा जल की भांग उपयोग कर सकते हैं.
  • वस्त्र पहनाना –शिवलिंग पर अपने प्रिय वस्त्र को डालें, और उसे पूजा के लिए सजाएं।
  • पंचामृत अभिषेक –पंचामृत का अभिषेक करें, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल शामिल होता है।
  • बेलपत्र और धूप आरती – शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और धूप की आरती करें।
  • मंत्र जप – भगवान शिव के मंत्रों का जप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्र।
  • आरती – शिवलिंग की आरती करें और दीप जलाएं।
  • प्रसाद – फूल, फल, और खीर जैसा प्रसाद बनाकर शिव को अर्पण करें और फिर खुद भी इसे खाएं.
  • ध्यान और प्रार्थना: ध्यान करें और भगवान शिव से आपकी प्रार्थनाएं करें। याद रखें कि शिव पूजा को श्रद्धा और पूर्व-संकल्प के साथ करें, और यह अपने जीवन की अच्छाई और शांति के लिए शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए की जाती है।

पशुपतिनाथ पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में अत्यंत उच्च माना जाता है। यह पूजा शिव पर्वती के शांतिदाता स्वरूप, देवों के देव, पशुपतिनाथ, भगवान शिव की उपासना के लिए की जाती है।

पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल में स्थित है और यह स्थान भगवान शिव के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। पशुपतिनाथ मंदिर शिव मंदिर के रूप में माना जाता है और यहां भगवान शिव की उपासना और पूजा की जाती है।

पशुपतिनाथ पूजा का महत्व भगवान शिव के आशीर्वाद, अपनी आत्मा के पावनीकरण, शुभ समाप्ति, और संतान की प्राप्ति के लिए जाना जाता है। इस पूजा का अर्थ भगवान शिव की प्रीति, अनुग्रह, और कृपा पाना होता है।

पशुपतिनाथ पूजा की विशेषता

श्रावण मास के महीने में की जाती है और इस माह को शिवरात्रि के रूप में माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से शिव जी की कृपा प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।

इस पूजा को विधिवत और भक्ति से करने से भगवान शिव की आराधना की शक्ति और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, यह पूजा मन, बुद्धि, और आत्मा की शुद्धि भी प्रदान करती है।

पशुपतिनाथ पूजा कैसे करें: FAQ

पशुपतिनाथ पूजा क्या है?

पशुपतिनाथ पूजा भगवान शिव की आराधना है, जिससे भक्तों को आत्मिक शक्ति और शांति मिलती है।

पूजा कहाँ और कब करें?

पूजा को शिव मंदिर या गृह में किया जा सकता है, और सोमवार को सावन मास में अधिक शक्ति प्राप्त करने के लिए अधिक आदर्श है।

कौन-कौन से सामग्री चाहिए?

पुष्प, धूप, दीप, बेल पत्र, गंगाजल, बिल्व पत्र, और शिव मंत्रों के लिए सामग्री की आवश्यकता होती है।

पूजा के लिए सही मंत्र क्या हैं?

ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।

पशुपतिनाथ पूजा में कितने दिनों का व्रत रखना चाहिए?

सोलह सोमवार व्रत रखना एक प्रसिद्ध विधि है, लेकिन आप अनुसार अन्य संगीत भी कर सकते हैं।

और पढ़े –

पशुपतिनाथ व्रत की कथा

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