Fri. Dec 8th, 2023
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हैलो दोस्तो मेरा नाम है हितेश कुमार इस पोस्ट मे आप को पशुपतिनाथ व्रत के बारे मे जानकारी देने वाला हूँ। यह पोस्ट आपको अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर जरूर करे।

क्या है पशुपतिनाथ व्रत

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दोस्तों एक पशुपति व्रत होता है। यदि कोई विशेष समस्या हो ? जो आप नहीं बता सकते किसी को बहुत तकलीफ चल रही हो, बहुत कष्ट हो रहा हो। बहुत ज्यादा दुखी हो तो 5 सोमवार पशुपति व्रत के करना चाहिए।

कब करना चाहिए यह पशुपतिनाथ व्रत

दोस्तों पशुपतिनाथ व्रत तब करना चाहिए जब । कोई दिक्कत आ गई है, कोई बीमारी आ गई है। बहुत अधिक कष्ट ज्यादा हो रहा है। कोई कर्जा बढ़ गया है, कोई लेन देन रह गया है। कोई परेशान कर रहा है तो आप पशुपति व्रत आप कर सकते है। आपके जीवन में पांच व्रत क और काम सफल होगा इस व्रत से इसे कहते है पशुपतिनाथ व्रत ।

पशुपतिनाथ व्रत की क्या है महिमा

दोस्तों पशुपतिनाथ व्रत की महिमा बहुत ही शक्तिशाली और अद्भुत है । दोस्तों इस व्रत को सच्चे मन और विश्वास के साथ करने पर आपको कई प्रकार रोग या कष्ट से परेशानी हो रही है तो एक बार इस पशुपतिनाथ व्रत को करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी ।

पशुपति व्रत करने के नियम

दोस्तों पशुपति व्रत पांच सोमवार तक करना है। कोई से भी सोमवार से चालू कर सकते हो, कैसे करना है हमने इस तरह बताया है ।

  1. सबसे पहले सुबह के समय पर भगवान शंकर का अभिषेक पूजन करने मंदिर में चले जाओ।
  2. पूजन अर्चना करके आने के बाद शाम के समय वही थाली लाकर घर में रख लो।
  3. सुबह के समय फल का आहार या मीठे का भोजन कर ले।
  4. शाम के समय घर से 6 दिए ले जाएं घी के और साथ में कुछ मीठा बना कर ले जाए।
  5. शंकर जी के मंदिर में जाकर मीठे के तीन हिस्से कर दे। 2 हिस्से मंदिर में रख दें। एक हिस्सा अपने साथ लेकर आना ।
  6. मंदिर से 6 दिए लेकर गए हो उनमें से 5 दिए भगवान शंकर के सामने जलाकर रख दे और पशुपतिनाथ के नाम से अपनी कामना करके 1 दिया वापिस अपने थाली में रख लेना जब घर में प्रवेश करें तो अंदर प्रवेश करते समय राइट भाग में जो 1 दिया लेकर आए हो वह दिया दरवाजे के बाहर लगा दीजिए और घर के अंदर प्रवेश कर जाए।
  7. शाम के समय भोजन करे तो मंदिर से आपने तीन हिस्से किए थे। उसमे से जो एक हिस्सा लेकर आए हो उसके साथ भोजन कर लीजिए। इसको कहते हैं पशुपतिनाथ व्रत ।

FAQ –

पशुपतिनाथ व्रत क्या है?

पशुपतिनाथ व्रत एक प्रकार का आध्यात्मिक व्रत है जो भगवान शिव की पूजा, ध्यान और आराधना को समर्पित होता है। इस व्रत में व्रतार्थी शिव जी की पूजा, मंत्र जाप आदि करते हैं।

पशुपतिनाथ व्रत का महत्व क्या है?

पशुपतिनाथ व्रत का महत्व विशेषतः भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति में होता है। यह व्रत व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति दिलाने का एक माध्यम होता है।

पशुपतिनाथ व्रत कैसे किया जाता है?

व्रतार्थी किसी भी शिव मंदिर या धार्मिक स्थल पर जाकर शिव जी की पूजा करते हैं। वह मंत्र जाप करते हैं, शिवलिंग की अर्चना करते हैं और पुष्प, बिल्वपत्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ावन करते हैं।

पशुपतिनाथ व्रत का क्या लाभ होता है?

पशुपतिनाथ व्रत करने से व्यक्ति को शिव भगवान की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान कर सकता है।

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