पशुपतिनाथ व्रत की पूजा सामग्री (व्रत की संपूर्ण विधि ) pashupatinath vrat samagri I pashupatinath vrat ki katha

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दोस्तों पशुपतिनाथ का व्रत किसी भी सोमवार से आप शुरू कर सकते हैं। पशुपतिनाथ का व्रत करने से आपके मन की इच्छा सभी मनवांछित फल आपको भगवान शिव की कृपा से मिल जाते

पशुपतिनाथ का व्रत करने की विधि

दोस्तों सबसे पहले हम पंचामृत तैयार करते हैं जिसमें दूध दही, शहद, जल, गंगाजल को मिलाया जाता है। सबसे पहले इन सभी को मिलाकर बाबा पर अर्पित करने के लिए पंचामृत तैयार करें। उसके बाद आप अपनी पशुपतिनाथ व्रत के लिए पूजन के लिए जो थाली तैयार करते हैं, उसमें आप एक लोटा जल भरकर बाबा को अर्पित करने के लिए तैयार करे जिसमें चावल का दाना और चीनी के दाने मिलाकर रख ले।

और पढ़े – पशुपतिनाथ व्रत की महिमा

पूजन की थाली तैयार करने की विधि

दोस्तों सबसे पहले थाली में हम अक्षत रखेंगे। ध्यान रहे अक्षत खंडित नहीं होने चाहिए। इसके बाद हम लाल चंदन बाबा को समर्पित करने के लिए रखेंगे। इस बात का विशेष ध्यान रहे बाबा पर रोली नहीं चढ़ाई जाती। इसलिए यह लाल चंदन है जो मार्केट में बहुत आसानी से आपको मिल जाएगा। लालचंदन को एक कटोरी में रख ले लाल चंदन बाबा को अत्यंत प्रिय है। इसलिए विशेष ध्यान रखें कि बाबा पर चढ़ने वाला लाल चंदन होना चाहिए ना कि कोई रोली | अक्षत रखने के बाद लालचंदन रखने के बाद पंचामृत रखने के बाद हमने एक लोटा जल भी रख लेना है।

दिया तैयार करने की विधि

इसके बाद हम बाबा को समर्पित करने के लिए एक दिया तैयार करेंगे। दीपक तैयार करेंगे और बाबा पे समर्पित करने के लिए एक कलावा या आप जनेऊ भी ले सकते हैं इसके बाद काले तिल और हल्दी को मिलाकर और तैयार करके अपनी पूजन की थाली में रख ले। जिसे बाबा पर समर्पित करते समय विशकरनेश्वर महादेव के नाम से अगर हम समर्पित करते हैं तो हमारी जितनी भी मनोकामना होती हैं, वह बाबा जल्दी से जल्दी पूरी कर लेते हैं।

चरणामृत अर्पित करने की विधि

उसके बाद शिवाले में जाकर सबसे पहले हम बाबा को चरणामृत अर्पित करते हैं। पशुपतिनाथ के व्रत में सबसे पहले बड़े श्रद्धा भाव के साथ बाबा को चरणामृत अर्पित करें। उसके बाद जल अर्पित करें। श्री शिवाय नमस्तुभय का जाप करते रहें। बाबा से अपनी मनोकामना मन की इच्छा जिस वजह से भी हम पशुपतिनाथ का व्रत कर रहे हैं उस मनोकामना को बाबा के सामने प्रस्तुत करके बाबा को जल समर्पित करें साथ ही साथ मन मन में श्री शिवाय नमस्तुभयम का जाप निरंतर करते रहें।

लाल चंदन, अक्षत, मिष्ठान, बेलपत्र अर्पित करने की विधि

उसके बाद हम बाबा को लाल चंदन अर्पित करें। लाल चंदन के बाद बाबा को अक्षत अर्पित करें। अक्षत अर्पित करने के बाद बड़ी श्रद्धा भाव से बाबा को एक बेलपत्र अर्पित करें। उसके बाद काले तिल और हल्दी का जो मिष्ठान आपने तैयार किया था, वह बाबा को अर्पित करें और विश्वकर्मेश्वर महादेव के नाम से बाबा को काला तिल और हल्दी अर्पित करके श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करें और अपने मन की इच्छा मनोकामना को बाबा सामने प्रस्तुत करें। बाबा के ऊपर कलावा चढ़ाएं बाबा को बेल पत्री समर्पित करने के बाद दिया जला कर बाबा की आरती करें।

शाम के समय पूजन करने की विधि

इसके बाद शाम को जो आपकी सुबह की थाली की पूजन की उसी थाली में 6 दीए तैयार करें। साथ बाबा को प्रसाद में आलू का हलवा जब कोई भी मिष्ठान जो आप बना सकते हो, उसको रख लें। उसके बाद हम उसी शाम को मंदिर में पूजन के लिए आते हैं। सुबह के पूजन की थाली में जो लाल चंदन बचा था, उसको बाबा पर समर्पित करें जो अक्षत बचे थे । उसको बाबा को समर्पित करें। इसके बाद जो 6 दिए हम तैयार करके लाए थे उसमें घी के पांच दिए बाबा के सामने रखकर अपनी मनोकामना बोलकर दिए बाबा के सामने प्रज्वलित करें। उसके बाद जो बाबा के लिए प्रसाद बना कर लाए थे। वह दो हिस्सों में बांट दो। दोना में रखकर बाबा को समर्पित करें और एक हिस्सा अपने थाली रख लो फिर घर में ले जाकर सबसे पहले जो 6 में से 5 दिया आपने लाए थे। एक दिया बचा था उस एक दिया को घर पर लाकर घर श करने से पहले सीधे हाथ पर रख कर उसे जलाएं। बाबा से अपने मन की मनोकामना बोलकर श्री शिवाय समस्त जाप कर कर दिए जलाकर घर में प्रवेश करें और सबसे पहले तीसरा हिस्सा जो पश्चात का बचा था, . उसे ग्रहण करें कि नाथ के व्रत के पहले दिन आप बाबा से जो मनोकामना करते हैं बाबा उस मनोकामना को 5 वर्ष पूर्ण होने से पहले ही आपकी सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं।

दोस्तो महाशिव पुराण की कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया एक एक उपाय आप के लिए हैं। बाबा भोलेनाथ आप सभी की मनोकामनाएं जल्दी से जल्दी पूर्ण करें। सभी को रोग मुक्त रखें । ऐसी कामना करते हुए श्री शिवाय नमस्तुभयम का जाप करते हुए रहे।

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!! धन्यवाद !!

और पढ़े –

FAQ-

पशुपतिनाथ व्रत की पूजा सामग्री क्या होती है?

पूजा सामग्री में शिवलिंग, बेल पत्र, बिल्व पत्र, दूध, धूप, दीपक, धातु के कटोरे, गंगाजल, जल, फूल, फल, धागा, चावल, गुड़, दही, घी, चावल, दूध आदि शामिल हो सकते हैं।

पशुपतिनाथ व्रत के दौरान किन बातों का अत्यधिक ध्यान देना चाहिए?

व्रत के दौरान शुद्धता, मानसिक स्थिरता, और भक्ति में समर्पण को महत्वपूर्ण माना जाता है। शिव मंत्रों का जप और मेधावी विचारधारा को बढ़ावा देना चाहिए।

पशुपतिनाथ व्रत के फल क्या होते हैं?

यह व्रत भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। भक्तों को मानसिक शांति, संतुष्टि, और सुख-शांति का अनुभव होता है।

पशुपतिनाथ व्रत के दौरान कैसे पूजा करनी चाहिए?

व्रत के दौरान भगवान शिव के लिए पूजा की जाती है, जिसमें ध्यान, मंत्र जपन, अर्चना, दीप दर्शन और प्रार्थना शामिल होते हैं। पूजा का विधान अनुसार पुराने पुराणों के आधार पर किया जा सकता है।

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