भगवान शिव के प्रसन्न होने के लिए “ओम जय शिव ओंकारा” नामक शिव आरती, शिव भजन और शिव मंत्रों का पाठ किया जाता है। इसे कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। शिव जी की आरती के दौरान घी की दीपक और कपूर का इस्तेमाल किया जाता है।
पूरे विश्व में भगवान शिव के कई भक्त हैं, जो उनकी भक्ति में विश्वास रखते हैं और उन्हें पूजते हैं। आइए, हम भी भगवान शिव की आरती का पाठ करके उनका समर्पण करें।
शिव जी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा ।
Shiv Ji Ki Aarti FAQ (प्राश्नों के उत्तर)
1.भगवान शिव की आरती क्या है?
शिव जी की आरती “ओम जय शिव ओंकारा” है, जो भगवान शिव की महिमा की स्तुति है।
2. शिव जी की आरती की महत्वपूर्ण बातें क्या हैं?
यह आरती भगवान शिव के आदिशक्ति और महाकाल स्वरूप को प्रकट करती है और उनकी पूजा के द्वारा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है।
3. शिव जी की आरती कब और कैसे की जाती है?
शिव आरती रोज़ाना श्रावण मास के सोमवार को पूजा के साथ की जाती है। यह आरती घी की दीपक और कपूर का इस्तेमाल करके पढ़ी जाती है।
4. शिव जी की आरती के क्या फायदे हैं?
शिव जी की आरती का पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह आरती भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करती है.
5. शिव जी की आरती के मंत्र क्या हैं?
ॐ जय शिव ओंकारा” शिव जी की आरती का प्रमुख मंत्र है। इसके अलावा, आरती में भगवान शिव की महिमा को गाने वाले मंत्र भी होते हैं।
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