Yugi (यूगी) तामिल मूवीस की स्टोरी l Yugi (2023) Movie Explained In Hindi

 Yugi (यूगी) तामिल मूवीस की स्टोरी 

Yugi (यूगी) तामिल मूवीस की स्टोरी l Yugi (2023) Movie Explained In Hindi

दोस्तों suspense और thriller से भरी एक और movie को लेकर मैं आज हाज़िर हूं।मेरी एक request है कि इस पूरी movie की explanation आप बिना किसी break के देखें क्योंकि एक बार भी आपने अपना ध्यान इससे हटाया तो पूरी कहानी आपको शुरू से देखनी पड़ सकती है।और ऐसा इसलिए क्योंकि director ने हर दस minute में एक नया मोड़ दिया है कहानी solid है और suspense से भरी पड़ी है इसलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं।आज की यह explanation जिसका नाम है योगी ।

Movie की शुरुआत होती है कार्तिकेय नाम की लड़की से जो bus stop पर खड़े खड़े रो रही होती है थोड़ी देर बाद उसके पास एक car आकर रुकती है जिसमें बैठकर वो वहां से निकल जाती है।

अगली scene में हमें एक director श्रवण और उसका hero गुरु दिखाए जाते हैं। दरअसल श्रवण गुरु को अपनी film की कहानी सुना रहा होता है, लेकिन गुरु उससे कहता है कि इस कहानी के climax में कोई दम नहीं है इसलिए आप दूसरे climax को तैयार करवाइए उसके बाद मेरे पास आईएगा श्रवण जल्दी वापस आने का बोल कर वहां से निकल जाता।

अब उसी शाम गुरु को उसके ही घर में कोई गोलीमार देता है जिससे उसकी मौत हो जाती है अब यहां तक की story आप याद रखिएगा क्योंकि ये story आने वाले सारे dots को connect करने में काम आएगी।

अब कहानी आती है flashback में, जहा दूर विदेश में बैठा पुरुषोत्तम नाम का एक retired police officesir india में नन्दकुमार नाम के detective को call करता है।वो कहता है नन्द कुमार में एक बहुत ही बड़ी problem में फ़ंस गया हूँ तुमको एक लड़की को ढूंढना है जिसके लिए तुम्हारे पास कुछ दिन है क्योंकि कुछ लोग उसको already ढूंढ रहे हैं और अगर उन्होंने उसको तुमसे पहले ढूंढ लिया तो वह उसको मेरे खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं इसलिए इस काम को बेहद secret तरीके से करना और किसी को भी इस बात की खबर मत लगने देना कि यह काम मैंने तुमको सौंपा है।

पुरुषोत्तम कहता है कि तुम्हारे पास राजकुमार नाम का एक आदमी आएगा जो तुम्हें उस लड़की की file दे देगा उसमें उसकी सारी information है।अब अगले दिन राजकुमार नाम का एक आदमी नंद कुमार के पास आता है और उसे वह file दे देता है।

नंद कुमार जब उस file को देखता है तो उसमें कार्तिकेय का photo होता है वही लड़की जिसको हमने movie की शुरुआत में car में बैठते हुए देखा था।

Yugi (यूगी) तामिल मूवीस की स्टोरी l Yugi (2023) Movie Explained In Hindi

अब movie में होती है अगले किरदार की entry जो पुजारी type का भेष रखे हुए एक गुंडा होता है जिसका नाम है सेतु। सेतु के पास भी पुरुषोत्तम वाली file होती है जो एक minister को दिखाते हुए वो कहता है कि हमें इस लड़की को ढूंढना होगा अगर हमें इसका पता चल गया तो पुरुषोत्तम का पता अपने आप चल जाएगा लेकिन मेरे काम का तरीका सबसे अलग है इसलिए याद रहे मेरे काम के beach में कोई ना आए minister कहता है कि तुम इस लड़की को ढूंढो कोई तुम्हारे काम के आड़े नहीं आएगा।

तो इस तरह कार्तिकेय के पीछे दो team काम कर रही होती है एक तरफ नंद कुमार की team और दूसरी तरफ सेतु की टीम।सेतु अपनी team member दीपक और अब्दुल से कहता है कि तुम पुरुषोत्तम के दोस्तों के बारे में पता करो।

दूसरी तरफ नन्द कुमार अपनी team के साथ उस घर पर आते हैं जहां कार्तिकेय रहती थी लेकिन वहां वो किसी दूसरी family को देखते हैं वो आदमी नन्द कुमार से कहता है कि रोज कोई ना कोई मेरी family को परेशान करने चला आता है।मैं कितनी बार बता चुका हूं कि यहां कोई लड़की नहीं रहती यह मेरा घर है और जब से यह बना है तब से मैं ही यहाँ रहता हूँ।नंद कुमार उसको sorry बोल कर वहाँ से वापस निकल रहा होता है कि तभी bike पर दो आदमी आकर नंद कुमार का phone चोरी करके भागने लगते हैं।

अब पूरी team उन चोरों को पकड़ने के लिए भागती है इस पूरी investigation में पुरुषोत्तम का आदमी राजकुमार नंद कुमार के साथ ही उसकी help कर रहा होता है इसलिए राजकुमार चोरी होते देख चलते हुए auto में बैठकर चोरों का पीछा करने को बोलता है।

लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद वो अचानक उस auto वाले को अपने घर की तरफ ले जाता है क्योंकि उसके घर पर पैरालाइजड बीवी को उसकी ज़रूरत होती है। दरअसल राजकुमार के घर पर CCTV लगा था जिसकी मदद से वो अपनी बीवी पर नज़र रखता था ताकि उसकी बीवी को जब भी किसी चीज़ ज़रूरत हो तो उसे पता चल सके।

घर पहुंच कर वह देखता है कि उसकी बीवी bed से नीचे पड़ी है इसलिए वह उसे फ़ौरन उठाता है और उसे दवा देता है राजकुमार सच में अपनी बीवी का अच्छे से ख्याल रखता है।

उधर सेतु अपने आदमियों के साथ पुरुषोत्तम के auditor के पास पहुंचता है वो एक salon में shape करवा रहा था सेतु की गर्दन पर उसतरा रख कर उससे उस लड़की के बारे में पूछता है।

Auditor कहता है कि मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता मैं उससे सिर्फ तीन बार मिला हूं और बस इतना जानता हूं कि पुरुषोत्तम की ज़्यादातर dealings को वह लड़की ही final करती थी।

अब नन्द कुमार को कोई भी कलु ना मिलने की वजह से वह पुरुषोत्तम के घर जाता है जहां उसे उसकी wife और बेटा मिलते हैं।

यहां हमें पता चलता है कि पुरुषोत्तम का बेटा वही director श्रवण होता है जो movie की शुरुआतमें गुरु के पास अपनी script लेकर गया था।नन्द कुमार अब ज़्यादा कुछ कहे बिना दोनों को कार्तिकेय की photo दिखाने लगता है जिसके बाद वो दोनों थोड़ा अजीब feel करते हैं जैसे कुछ छिपा रहे हों। इसके बाद नन्द कुमार की team जगह जगह पर कार्तिकेय की फोटो दिखाकर उसके बारे में पूछते हैं, लेकिन उसके हाथ कोई सुराग नहीं लगता।

Yugi (यूगी) तामिल मूवीस की स्टोरी l Yugi (2023) Movie Explained In Hindi

इस beach नन्द कुमार की team member शालिनी कहती है कि सर हमें अगर यह पता चल जाए कि पुरुषोत्तम और उस लड़की के beach क्या रिश्ता था?तो शायद हम दूसरे angle से इस case  को solve कर सकते हैं। नन्द कुमार उसकी बात को ध्यान से सुनता तो है, लेकिन इतना serious नहीं लेता।

अगले दिन सभी investigation शुरू करने से से पहले राजकुमार को pick करने के लिए उसके ही घर पहुंच जाते हैं वहां आकर सभी को राजकुमार की wife के बारे में पता चलता है.जो चल फिर नहीं सकती और राजकुमार उसी की वजह से कभी कभी late हो जाता है।

वह बताता है कि एक दिन रास्ते में उन दोनों का accident हो गया और उसकी बीवी के सर में काफी चोट आई जिसकी वजह से उसके दिमाग के नसें block हो गई और वह paralyzed हो गई हालांकि अब उसे पहले से काफी फ़ायदा है क्योंकि वो time पर दवा देता है और पूरी देखभाल करने की कोशिश करता है।

 वो कहता है कि इसी वजह से उसने कुत्ते को भी पाला हुआ है जो अंदर कमरे में है ताकि कोई भी अनजान आदमी आए तो कुत्ते की आवाज़ से पता चल जाए।

अब पूरी team राजकुमार से कहती है कि एक दिन तुम्हारी बीवी पूरी तरह से ठीक हो जाएगी और तुम फिर से घूमने जा पाओगे।

इसके बाद team एक बार फिर उसी घर में पहुंचती है जहां कार्तिकेय रहती थी लेकिन इस बार घर पर कोई नहीं होता क्योंकि family कहीं गई थी इसलिए नन्द कुमार और उसकी team उस घर की तलाशी लेने लगते हैं जिसमें उसको दीवार पर कार्तिकेय लिखा हुआ दिखता है यह सबूत काफी होता है यह समझने के लिए कि यहां कार्तिकेय रहती थी।

इतनी देर में वो family वहां आ जाती है और नन्द कुमार के धमकाने पर आखिर कार वो आदमी सच बोलता है कि sir मैं यहाँ किराए पर रहता हूँ और घर का मालिक cookie नाम का आदमी है उसने ही मुझसे कहा था कि अगर कोई किसी के बारे में पूछने आए तो तुम कह देना कि यह तुम्हारा घर है और कोई यहां नहीं रहता इसलिए मुझे उस लड़की के बारे में कुछ नहीं पता।

उधर सेतु भी अपने आदमियों के साथ पुरुषोत्तम के दोस्त के पास पहुंचता है. टौचर करने पर वो बताता है कि मुझे उस लड़की के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन सुनने में आया है कि पुरुषोत्तम की एक दूसरी बीवी भी थी जिसका नाम स्टरला था और वह एक दिन मर गई।इसके अलावा उन दोनों की एक बेटी भी है इससे ज़्यादा मुझे कुछ नहीं पता।

अब सेतु सीधे अपनी team के साथ church जाता है और स्टरला नाम की औरत के बारे में जानकारी इकट्ठा करने लगता है।

उधर नंद कुमार कुक्की के पास पहुंचता है जो कहता है कि sir मैं उस घर का मालिक नहीं हूं.उस घर का मालिक America में रहता है मैं तो बस वहां किराया वसूलने जाता हूं।

बात यह है कि कुछ दिनों पहले उस घर में वह लड़की रहने आई थी और उसने मुझे advance भी दिया था लेकिन जब वह चली गई तो मैंने advance बचाने के चक्कर में उस family से झूठ बुलवा दिया कि यहां कोई लड़की नहीं रहती ताकि अगर वो लड़की अपने रिश्तेदारों को भेजें तो मुझे advance ना वापस करना पड़े और इससे ज़्यादा मुझे कुछ नहीं पता सर मैं तो बस इतना बता सकता हूं कि उस लड़के को बस एक नर्स मिलने आती थी क्यूँकि वो pregnant थी ये सुनकर नन्द कुमार का दिमाग ठनक जाता है क्यूँकि उसे नहीं पता था कि कार्तिके pregnant थी।

नंद कुमार वापस लौटने पर वह राजकुमार और शालिनी को एक राज बताता है कि जब पुरुषोत्तम ने मुझे यह case सौंपा था तो मुझे यह भी बताया था कि यह जो लड़की है वो उसकी दूसरी बीवी से पैदा हुई बेटी है लेकिन pregnancy वाली बात मुझे नहीं बताई।

नन्द कुमार कहता है कि ये case top secret है और काफी high profile लोगों से जुड़ा हुआ है इसलिए मैं नहीं चाहता कि यह बात किसी और को पता चले तुम लोग इस बात का ख्याल रखना।

इस beach राजकुमार अपने phone में देखता है कि उसकी बीवी bed से गिर गई है इसलिए वह फ़ौरन नंदकुमार की गाड़ी को उसके घर की तरफ मोड़ने को कहता है।नंद कुमार इस वक्त पुरुषोत्तम से बात करना चाहता था इसलिए वह गाड़ी नहीं रोकता दरअसल वह पुरुषोत्तम को यह बताने वाला था कि उसकी बेटी pregnant है।

अब राजकुमार उसे गाड़ी रोकने के लिए कहता है लेकिन नन्दकुमार इस बात पर भी ध्यान नहीं देता, गुस्से में राजकुमार गाड़ी के steering को इधर उधर घुमाता है और तीनों का accident होते होते बच जाता है।

गाड़ी रुकते ही राजकुमार ऑटो लेकर फ़ौरन अपने घर की तरफ भागता है वहां उसकी बीवी ज़मीन पर पड़ी थी और उसके सर में भी चोट लगी हुई थी.वो बीवी की पट्टी करता है और उसे दवा देता है।

अब सेतु भी church से मिले जानकारी से स्टरला नाम की औरतों के घर को छानने लगता है जहां उसे भी यह पता चल जाता है कि जिस लड़की को वो ढूंढ रहा है वो असल में पुरुषोत्तम की दूसरी बीवी की बेटी है।

इधर नन्दकुमार की team हर maternity hospital में जाकर कार्तिकेय के बारे में पूछने लगती है ये trick काम करती है क्योंकि शालिनी को एक hospital से पता चलता है कि वहां काम करनेवाली एक doctor चंद्रिका से कार्तिकेय अक्सर मिलने आती थी और अपना checkup करवाती थी।

इसके बाद नन्द कुमार की team बिना देरी किए doctor चन्द्रिका के घर पहुंचते हैं लेकिन वहां पहुंचते ही वो चन्द्रिका को पंखे से लटका हुआ पाते हैं.और समझ नहीं पाते कि यह कोई suicide है या फिर murder थोड़ी तलाशी लेने पर शालिनी को वहां एक Brushlate का टुकड़ा मिलता है जो हूबहू नंद कुमार के Brushlate से match होता है। ये देखकर राजकुमार और शालिनी अब अपने boss यानी नंद कुमार पर ही शक करने लगते हैं।

अब कहानी यहां से flash back में जाती है जहां कार्तिकेय को दिखाया जाता है जो एक hospital के अंदर जाकर अपने पति के बारे में पुछ रही होती है दरअसल उसके पति का एक बेहद खतरनाक accident हुआ था जिसकेबाद वो ICU में बहुत ही critical condition में था।

रोते रोते कार्तिकेय doctor चंद्रिका के cabin में चली जाती है जहां उस वक्त वो actor गुरु और उसकी बीवी मौजूद होते हैं वो दोनों वहां क्या कर रहे थे आपको अभी पता चल जाएगा cabin में घुसते ही कार्तिकेय रोते हुए doctor चंद्रिका से अपने पति की हालत के बारे में पूछती है।

चंद्रिका उसको पहले cabin से बाहर लाती है और समझाती है तुम्हारे पति की condition serious है और उनका operation बेहद ज़रूरी है इसलिए अपने किसी रिश्तेदार को यहां बुलालो और साथ में पैसे का भी arrangement कर लो यह सुनकर कार्तिकेय के पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है क्योंकि इतनी बड़ी रकम जुटा पाना उसके लिए नामुमकिन होता है।

चन्द्रिका के cabin में आते ही गुरु उससे कहता है कि ये जो लड़की अभी आई थी क्या हम इसे अपने बारे में बात कर सकते हैं?चन्द्रिका उनसे कहती है कि आप रहने दीजिए मैं उससे खुद ही बात करती हूं।

इसलिए गुरु और उसकी बीवी के जाने के बाद चन्द्रिका कार्तिकेय को अंदर बुलाती है वह कहती है कि यह जो अभी बैठे थे वह बहुत बड़े actor हैं।

इन्होने अभी फैसला किया है की यह तुम्हारे पति के इलाज का पूरा खर्चा उठाएंगे बदले में तुमको सरोगेसी के जरिए इनके बच्चे को जन्म देना होगा कार्तिकेय पहले तो मना करती है लेकिन उसके सामने हां करने के अलावा और कोई चारा नहीं होता क्योंकि एक तो वो उतने पैसे कहीं से नहीं ला सकती और ना ही कोई रिश्तेदार इसमें उसकी मदद करता क्योंकि उन दोनों ने भाग कर शादी की थी।

हां करने के बाद, चन्द्रिका उसकी सरोगेसी की process शुरू कर देती हैं और गुरु कार्तिकेय को एक नए घर में shift कर देता है।जहां एक नर्स उसका पूरा ख्याल रखती है।यह वही घर होता है जिसका किराया cookie वसूलता था।

अब जब कार्तिकेय hospital जाकर अपने पति के बारे में पुछती है तो चन्द्रिका कहती है कि तुम यहां मत आया करो लोगों को शक हो गया तो तुम पर सवाल उठने लगेंगे इसलिए कुछ महीने की बात है बच्चे को जन्म देते ही तुम अपने पति से मिल लेना और वैसे भी उसकी condition में अब पहले से सुधार है। अब कार्तिके अपने पति के बारे में सोचकर एक एक दिन गुज़ारने लगते है और अपनी delivery का wait करने लगती है।

इस beach एक दिन doctor चंदे का phone करके उसे अपने पास बुलाती है और कहती है कि एक बहुत ही बड़ी गड़बड़ हो गई है गुरु और उसकी wife अब एक दूसरे से अलग हो गए हैं जिसके बाद कार्तिकेय के होश उड़ जाते हैं वो पूछती है कि madam फिर इस बच्चे का क्या होगा?

मैं मेरे पति को क्या बोलूंगी आप अभी मुझे अपने पति से मिलवाइए मुझे उनसे अभी मिलना है doctor चंद्रिका उससे कहती है कि ठीक है आज शाम को मुझे तुम bus stop पर मिलना मैं तुम्हें तुम्हारे पति के पास ले चलूंगी अब कार्तिके जैसे ही hospital से बाहर जा रही होती है तभी नर्स उसे रोक लेती है और कहती है कि doctor चंद्रिका ने तुम्हें पूरी सच्चाई नहीं बताई है।

दरअसल गुरु और उसकी बीवी के beach लड़ाई इसलिए हुई है क्योंकि उसकी बीवी को पता चल गया था कि गुरु बाप नहीं वन सकता और इसलिए गुरु ने किसी और के sperm से इस बच्चे को तुम्हारी कोक में डलवाया है, उसकी बीवी इस बात से बेहद नाराज़गी क्योंकि वो सोच रही थी कि कमी उसके अंदर है, जबकि कमी गुरु के अंदर थी और यही वजह थी कि वो दोनों अलग हुए।

अब कार्तिकेय को ये सुनकर शौक लगता है कि ये बच्चा उन लोगों का legally है ही नहीं तो अब इस बच्चे को कौन संभालेगा वो फ़ौरन doctor चन्द्रिका के पास जाती है और उनको काफी खरी खोटी सुनाती है जिसके बाद चन्द्रिका उसको bus stop पर आने को बोलती है ताकि वो उसे उसके पति के पास ले जाए।

अब कहानी फिर से present में आती है जब ये story एक नर्स नन्द कुमार को बता रही थी वो कहती है उसे आखिरी बार बस स्टैंड में कार में बैठ के जाते देखा गया था।अब उस रात नंद कुमार अकेले फिर से उसी घर में जाता है जहां चन्द्रिका रहती थी और एक file को चुरा कर वहां से निकल जाता है।

इधर हम देखते हैं कि सेतु लगातार राजकुमार को phone कर रहा होता है लेकिन शालिनी के साथ होने की वजह से वह उस phone को नहीं pick करता।इसके बाद दोनों चुपके से रात को नन्द कुमार के घर जातेहैं क्योंकि उस दिन bracelet के टुकड़े की वजह से दोनों को यह शक होता है कि कहीं कार्तिकेय नंद कुमार की बीवी तो नहीं है और उसने ही तो कहीं उसको गायब नहीं किया है। लेकिन तभी नंद कुमार के आने की वजह से दोनों वहां से भाग जाते हैं.

अगले दिन नंद कुमार गुरु के घर काम करने वाले एक पुराने नौकर के पास पहुंचता है और उससे पूछताछ करता है नौकर बताता है कि एक शाम doctor चंद्रिका अपने साथ कार्तिकेय को गुरु sir के पास लेकर आई थी।कार्तिकेय madam लगातार अपने पति से मिलने की request कर रही थी और गुरु sir उनसे कह रहे थे कि कुछ महीनों की बात है रुक जाओ ये बच्चा पैदा कर लो फिर अपने पति से मिल लेना लेकिन कार्तिकेय madam काफी गुस्से में थी।

इसलिए वो sir को media की धमकी देने लगे और इस beach sir ने उन्हें धक्का दे दिया और उनका गला दबाने लगे लेकिन धक्का देने के कारण उनके पेट में लगी चोट की वजह से कार्तिके madam का बच्चा उनके पेट में ही मर गया और फिर वही उन्होंने भी अपना दम तोड़ दिया डर की वजह से गुरु sir को भी कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने जल्दी जल्दी में पुरुषोत्तम जी को phone किया जो उस वक्त एक बड़े police officer थे।

गुरु sir ने उनसे कहा कि आपका बेटा मेरे पास एक बड़ी film लेकर आया था मेरे पास तब dates की कमी थी इसलिए मैं उसको वक्त नहीं दे पाया आप उससे कहिए कि मैं film के लिए

तैयार हूं वह कल मुझसे आकर मिल ले पुरुषोत्तम अपने बेटे के future और इतने बड़े actor की बातों से बेहद attract हो जाता है।

जिसके बाद गुरु उससे बातों ही बातों में कहता है कि sir एक छोटी सी problem है। दरअसल मेरे घर पर एक servant चोरी करके भाग रही थी हल्के से धक्के से वह ज़मीन पर गिर गई और गलत angle होने की वजह से वह मर गई क्या आप इस मामले को संभाल सकते हो? पुरुषोत्तम पहले तो सोचता है लेकिन फिर बोलता है कि आप इसकी फ़िक्र मत कीजिए मैं इसको संभाल लूंगा।

मैं अपने बेटे को आपके पास सुबह भेज दूंगा और तब तक मैं आपकी servant को भी ठिकाने लगा दूंगा इसके बाद पुरुषोत्तम कुछ लोगों को रात में ही गुरु के घर भेजता है और कार्तिकेय की लाश को ठिकाने लगवा देता है।

नन्द कुमार ये सारी बातें सुनकर हैरान हो जाता है और नौकर की इस मदद के लिए उसे thanks बोल कर वहाँ से निकल जाता है।

इसके बाद नन्द कुमार अपने source से पता करता है कि आखिर कार्तिकेय की लाश को कौन लेकर गए थे? वो उनमें से एक को पकड़ लेता है जो उसे बताता है कि sir हमने यह सब पुरुषोत्तम सर के कहने पर किया हमने उस लड़की की लाश को acid डालकर खत्म कर दिया और उसके घर जाकर सारे सबूत भी मिटा दिए यह सुनकर नन्द कुमार का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है।

और हमें movie में फिर से एक flash back scene दिखाया जाता है जिसमें नंद कुमार और उसकी बीवी की car का एक ज़ोरदार accident होता है और उसकी बीवी मर जाती है Movie में हमें ये clear हो जाता है कि मरने वाली औरत कार्तिकेय नहीं कोई और थी इसलिए शालिनी और राजकुमार का शक गलत था।

अब movie फिर से present में आती है।जहां TV में यह खबर दिखाई जाती है कि मशहूर actor गुरु प्रसाद का कत्ल एक retired police officer के कहने पर हुआ जिसके बाद पुरुषोत्तम को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

जाते जाते पुरुषोत्तम नन्द कुमार से कहता है कि एक बात मेरी समझ में नहीं आई मैंने एक हफ्ते पहले राजकुमार को बोला था कि मैं India आने वाला हूं और जैसे ही मैं India आया मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।आखिर मेरे आने की खबर police को कैसे लगी? यह सुनकर नंद कुमार को राजकुमार के ऊपर शक होता है और वह फ़ौरन राजकुमार के घर पर जाता है।लेकिन वहां वह जो देखता है उसको देखकर उसको शौक लगता है।

क्योंकि वो पूरा घर खाली होता है और वहां कोई भी नहीं होता ना ही राजकुमार और ना ही उसकी paralyzed बीवी वो राजकुमार के कुत्ते को देखने अंदर जाता है तो उसे पता चलता है कि अंदर एक tape recorder था जिसमें राजकुमार ने कुत्ते की आवाज़ को record करके रखा हुआ था ताकि जब भी कोई उस room में आए तो वो बजने लगे।

उस room में वो एक शख्स को देखता है जिसको बांधा गया था और साथ में उसे अपना mobile भी मिलता है जो कुछ लोगों ने चोरी कर लिया था इससे नन्द कुमार को अंत ऐसा लग जाता है कि राजकुमार ने ही यह phone चोरी करवाया था।

इसके बाद वह उस बंधे हुए आदमी को खोलता है जो उसे बताता है कि वह असली राजकुमार है जिसको पुरषोत्तम ने तब file देकर भेजा था और जो आदमी नंद कुमार की team के साथ था वह राजकुमार नहीं बल्कि कोई और था।

अब असली राजकुमार, नंद कुमार को वह असली file देता है.जो पुरुषोत्तम ने शुरू में भिजवाई थी और जैसे ही नन्द कुमार उस file को खोलकर लड़की की photo देखता है तो वह भौचक्का रह जाता है क्योंकि यह लड़की कोई और नहीं बल्कि वही लड़की होती है जिसे वो नकली राजकुमार अपनी paralyzed बीबी बताता था।

इधर सेतु भी उसी नकली राजकुमार के पीछे पड़ा था और उसे उसका असली नाम मालूम पड़ चुका था उसका असली नाम प्रभाकर था।

दरअसल सेतु को ये पता चला था कि जिस लड़की को वो ढूंढ रहा है वो प्रभाकर के पास है इसलिए उस दिन जब प्रभाकर शालिनी के साथ था तो सेतु ने उसको phone करने का try किया। लेकिन प्रभाकर ने वो phone नहीं उठाया.

इधर नंद कुमार ने भी अपनी sources से यह पता लगा लिया था कि कार्तिकेय के पति का नाम प्रभाकर था जिसका accident होने के बाद मानसिक संतुलन बिगड़ गया था।

दोस्तों अब movie में इतने सारे twist और turn देखने के बाद हमें climax देखने को मिलेगा जिसमें शुरू होती है प्रभाकर की कहानी.

एक शाम जब प्रभाकर अपने घर जा रहा था तो उसका accident होता है उसकी हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि वो कुछ समय के लिए अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है.

लेकिन एक तरफ गुरु का दबाव होने की वजह से mental hospital वाले उसे नहीं छोड़ते।

क्योंकि तब तक चन्द्रिका कार्तिकेय को झूठ बोलती रहती कि उसका पति अभी ठीक नहीं है और उसे सरोगेसी के लिए मना लेती है।

उधर गुरु को भी डर होता है कि कहीं कार्तिकेय अपने पति प्रभाकर से मिलकर अपनी सरोगेसी का फ़ैसला ना बदल ले इसी beach प्रभाकर खुद को उस metal hospital से परेशान देखकर एक दिन वहां से भाग जाता है और सीधे अपने घर पहुंचता है।सभी लोग उससे कहते हैं कि कार्तिकेय यहां से चली गई और कहीं और रहने लगी है।

इसके बाद प्रभाकर उसका photo जगह जगह लोगों को दिखाता है और उसके बारे में पता करने लगता है कुछ भी पता ना चलने के कारण प्रभाकर police station भी जाता है।लेकिन उसे कुछ भी हासिल नहीं होता तभी एक दिन उसे एक आदमी बताता है कि ये लड़की तो अभी कुछ दिनों पहले तक सामने वाले घर में ही रहती थी लेकिन अब दिखती नहीं है लेकिन प्रभाकर उसी किराए वाले मकान में चला जाता है जिसमें नन्द कुमार अपनी team के साथ कई बार आया था.

वो घर वाले प्रभाकर से ठीक वैसे ही मना कर देते हैं जैसे उन्होंने कुकी के कहने पर नन्द कुमार से मना किया था, जिसके बाद प्रभाकर वहां से भी चला जाता है।

और इसी beach उसको सेतु के team member दीपक और अब्दुल के बारे में पता चलता है जो एक लड़की की तलाश कर रहे थे प्रभाकर उन दोनों से पहले उस लड़की को ढूंढ लेता है और वो लड़की कोई और नहीं बल्कि पुरुषोत्तम की दूसरी wife की बेटी पवित्रा होती है।

अब प्रभाकर पुरुषोत्तम का पता करने के लिए पवित्र को दूसरे घर में कैद करके रखता है और उसको ऐसी दवाई देता है जिससे पवित्रा temporary paralyzed बनी रहे।

इस beach पुरुषोत्तम के कहने पर असली राजकुमार पवित्रा को ढूंढ निकालता है, जिसके बाद प्रभाकर राजकुमार को भी kidnap करके उसी घर में कैद कर लेता है जिसमें उसने पवित्रा को कैद किया हुआ था और फिर उस file की details को बदल देता है जो पुरुषोत्तम ने असली राजकुमार को दी थी और

उसके बदले उसमें कार्तिकेय की फोटो लगा देता है।ताकि सभी मिलकर कार्तिकेय को ढूंढने लगे और वो अपनी बीवी से मिल पाए।

इसी beach हमें पता चलता है कि जब अपने घर में वापस आने की जल्दी में प्रभाकर ने steering को मोड़ा था तभी नंदकुमार के bracelet का एक टुकड़ा उसकी shirt में फ़ंस गया था और उसके बाद जब प्रभाकर को Doctor चन्द्रिका के बारे में पता चलता है तो वह नन्द कुमार से पहले उससे मिलने जाता है जहां चन्द्रिका उसे सब कुछ सच बता देती है।अपनी बीवी की ऐसी हालत और दर्दनाक मौत के बारे में सुनकर प्रभाकर बेहद दुखी होता है और अंदर से टूट जाता है।

दोस्तों, movie का ये scene काफी emotional होता है वो इतना गुस्से में होता है कि चन्द्रिका को मारकर फांसी पर लटका देता है और इसी beach उसकी shirt से वो bracelet का टुकड़ा वही गिर जाता है जिसे देखकर शालिनी को नन्द कुमार पर शक हुआ था।

इसके बाद वो बदला लेने सीधे गुरु के घर पहुंचता है और उसको भी गोली मारकर अपनी बीवी के मौत का बदला ले लेता है।

अब नन्द कुमार को प्रभाकर के बारे में सब कुछ पता चल चुका था इसलिए वो उसको गिरफ्तार करने आता है।लेकिन प्रभाकर उसे अपनी mental illness का ID card दिखा देता है।इसका मतलब पागल होने की वजह से police उसको गिरफ्तार नहीं कर सकती।

यहां हमें पता चलता है कि सेतु कोई और नहीं बल्कि एक CID officer है जो पुरुषोत्तम के काले धंधों के बारे में पता कर रहा था और इसलिए उस file की लड़की के पीछे पड़ा था ताकि पुरुषोत्तम के कच्चे चिट्ठे खोल सके।

जाते जाते प्रभाकर सेतु की car की डिग्गी में पवित्रा को छोड़ जाता है ताकि सेतु को पुरुषोत्तम के खिलाफ सारे सबूत मिल जाए क्योंकि पवित्रा ही थी जो अपने पिता पुरुषोत्तम की हर dealing के बारे में जानती थीं।

इसके बाद सालिनी नंद कुमार से पूछती है क्या सर हमे प्रभाकर को एसे ही छोड़ देना चाहिए। तभी नंद कुमार मुस्कुराता है और चुप रहता है।

और सोचते है की प्रभाकर ने जो किया सही किया और आज उसकी बीवी की आत्मा को शांति मिल गई होंगी।इसके बाद प्रभाकर अपनी बीबी की याद में सच में पागल हो जाता है और पागल खाने चला जाता है। इसके साथ ही इस फ़िल्म का the end हो जाता है।

दोस्तो सच में इस फ़िल्म की कहानी ने मेरा दिल चुरा लिया क्या गजब इसकी कहानी और क्या शानदार था इसका सस्पेंस यही है असली मूवी दोस्तो जिसे देख कर आने वाले सीन का दर्शक भी अंदाजा न लगा सके।कैसी लगा आपको यह मूवी कॉमेंट करके जरुर बताए।

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